गेस्ट टीचर्स को घर का रास्ता दिखाने के बाद अब
सरकार की भौहें एक्सटेंशन लेक्चरर (रिसोर्स पर्सन) पर भी तन गई हैं। उच्चतर
शिक्षा विभाग के महानिदेशक ने प्रदेश भर के सभी राजकीय कॉलेजों के
प्राचार्यों को पत्र लिखकर नए एक्सटेंशन लेक्चरर रखने पर आगामी आदेशों तक
रोक लगा दी है। इस आदेश से प्रदेश के कॉलेजों में तैनात करीब पांच हजार
शिक्षकों की बैचेनी बढ़ गई है। प्रदेश में
करीब 106 राजकीय कॉलेज हैं। प्राध्यापकों
की कमी के कारण विभाग समय-समय पर
कॉलेजों में एक्सटेंशन लेक्चरर रखता है। इन्हें प्रति पीरियड के हिसाब से
पैसे मिलते हैं। नियमों के अनुसार, इनको एक पीरियड के 250 रुपये मिलते हैं।
एक टीचर एक दिन में ज्यादा से ज्यादा तीन पीरियड ले सकता है। इनको
प्रतिमाह अधिकतम 18 हजार रुपये ही दिया जाता है। शिक्षा विभाग के एक आला
अधिकारी ने बताया कि गेस्ट टीचर्स मामले को देखते हुए सरकार ने यह फैसला
लिया है। बता दें कि गेस्ट टीचर्स को भी पहले इसी प्रकार से प्रति पीरियड
मानदेय के हिसाब से रखा गया था, बाद में विरोध के चलते उन्हें अनुबंध पर
करना पड़ा और आज गेस्ट टीचर्स सरकार के लिए गले की फांस बने हुए हैं। अधिकारी
ने बताया कि कुछ एक्सटेंशन लेक्चरर हाल ही में हाईकोर्ट चले गए और
उन्होंने मांग की थी कि नए एक्टेंशन के लिए साक्षात्कार न रखे जाएं, बल्कि
पुराने वालों को ही नियमित किया जाए। इसकी भनक लगते ही उच्चतर शिक्षा विभाग
के महानिदेशक विकास यादव ने प्रदेश के सभी कॉलेजों को पत्र जारी करके इस
प्रकार की भर्ती करने पर रोक लगाने के आदेश दिए हैं।
आधे कॉलेजों में हो चुके साक्षात्कार: प्रदेश
के आधे से ज्यादा कॉलेजों में एक्सटेंशन लेक्चरर के लिए साक्षात्कार हो
चुके हैं और प्राध्यापकों को रखा जा चुका है। अब कॉलेज प्राचार्यों और रखे
गए प्राध्यापकों की परेशानी भी बढ़ गई है। उनकी समझ में नहीं आ रहा है कि
आखिर वे क्या करें? करनाल के एक कॉलेज के प्रिंसिपल ने आदेशों की पुष्टि
करते हुए बताया कि महानिदेशक ने आगामी आदेशों तक नई नियुक्ति पर रोक के
आदेश दिए हैं।
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साभार: अमर उजाला समाचार
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