साक्षर भारत मिशन को हरियाणा में झटका लग सकता है। प्रदेश के शिक्षा प्रेरक
स्कूल शिक्षा विभाग को नाकों चने चबवाने के मूड में हैं। बीस महीने का
वेतन और ढाई साल से अधिक समय के अन्य खर्चो का भुगतान न होने पर शिक्षा
प्रेरक 5 अगस्त के बाद अनिश्चितकालीन धरना शुरू करने जा रहे हैं। बुनियादी
साक्षरता परीक्षा के बहिष्कार की वे पहले ही चेतावनी दे चुके हैं। साक्षर
भारत मिशन के तहत इस बार एक करोड़ बीस लाख
बच्चों को साक्षरता परीक्षा
दिलाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसमें हरियाणा को पांच लाख बच्चे
23 अगस्त को होने वाली परीक्षा में बैठाने होंगे। लेकिन शिक्षा प्रेरक वेतन
और अन्य खर्च की राशि अभी तक न मिलने के कारण परीक्षा के आयोजन को विफल
बनाने में जुट गए हैं। मिशन के अंतर्गत हरियाणा में सेवारत 5169 शिक्षा
प्रेरक परीक्षा आयोजित न होने की चेतावनी सरकार को दे रहे हैं। हालांकि
उन्होंने 5 अगस्त तक का समय मांगें पूरी करने के लिए दिया हुआ है। शिक्षा
प्रेरक संघ हरियाणा के प्रधान भगवत कौशिक ने बताया कि केंद्र सरकार से उनके
वेतन की राशि जारी हुए काफी समय बीत चुका है। बावजूद स्कूल शिक्षा विभाग
के अधिकारी उन्हें वेतन व अन्य खर्च की अदायगी नहीं कर रहे। मानव संसाधन
विकास मंत्री स्मृति ईरानी, मुख्यमंत्री मनोहर लाल, शिक्षा मंत्री रामबिलास
शर्मा और स्कूल शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव टीसी गुप्ता को इसका ज्ञापन
सौंपा जा चुका है। इस पर कोई कार्रवाई न होने से नाराज शिक्षा प्रेरकों ने
बुनियादी साक्षरता परीक्षा का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है। वे तीन
वर्ष से गांव-गांव जाकर संपूर्ण साक्षरता के लिए लोगों की अज्ञानता मिटा
रहे हैं। फिर भी उनकी अनदेखी की जा रही है। सेकेंडरी शिक्षा निदेशक एमएल
कौशिक का कहना है कि उनके पास शिकायत आई है। वे इसकी छानबीन करा रहे हैं कि
वेतन का बजट आने के बावजूद राशि का भुगतान शिक्षा प्रेरकों को क्यों नहीं
हुआ। जल्द ही मामले को सुलझा लिया जाएगा।
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साभार: जागरण
समाचार
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