हरियाणा में विद्यार्थियों का स्कूलों से ‘ड्रॉपआउट’ रोकने के लिए शिक्षा
विभाग ने विशेष योजना तैयार की है। खासकर स्कूल छोड़ चुकी छात्राओं को लेकर
विभाग चिंतित है और इसलिए अब सेकेंडरी एजुकेशन के निदेशक एवं विशेष सचिव ने
प्रदेश के सभी जिलों के जिला शिक्षा अधिकारियों और जिला मौलिक अधिकारियों
को निर्देश जारी हुए हैं। संबंधित जिला के उपायुक्त की देखरेख में अभियान
चलाया जाएगा। इस अभियान में अब
स्कूली विद्यार्थियों की ही मदद ली जाएगी
तथा घर-घर सर्वे अभियान चलाया जाएगा। सरकार ने बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ के तहत
जीरो प्रतिशत ड्रापआउट के लक्ष्य को लेकर चल रही है तथा 100 प्रतिशत
कन्याओं का स्कूलों में दाखिला का लक्ष्य है। इसके तहत विभिन्न तरीकों से
योजना चलाई जाएगी।
स्काउट, गाइड, एनएसएस और एनसीसी चलाएंगे अभियान:
प्रत्येक जिला में स्काउट, गाइड, एनएसएस और एनसीसी के सदस्यों का ग्रुप
बनाया जाए। प्रत्येक स्कूल में दो लड़कियां और लड़कों के साथ एक महिला
शिक्षक को भी शामिल किया जाएगा। उक्त सदस्य अपने-अपने यूनिट के इंचार्ज के
साथ समन्वय बनाकर घर-घर सर्वे करेंगे।
बालिका मंच भी बनेंगे: प्रदेश के प्रत्येक सरकारी स्कूल में एक बालिका मंच का गठन किया जाएगा।
इसमें कक्षा 6 से 12 के 5 से 10 विद्यार्थियों को एक महिला शिक्षक के साथ
शामिल किया जाएगा। उक्त सदस्य छात्रओं को पेश आने वाली समस्याओं पर चर्चा
करेंगे। इतना ही नहीं उक्त विद्यार्थी अपने सुझाव भी देंगे। बालिका मंच की
हर माह एक बैठक का आयोजन भी किया जाएगा।
फेल छात्राओं की होगी सूची तैयार: एक
सूची तैयार की जाएगी जिसमें उन छात्राओं को शामिल किया जाएगा जो 10 और
12वीं कक्षा में फेल हो गई हैं। स्कूल प्रिंसिपल और मुख्य अध्यापक
व्यक्तिगत रूप से काम करते हुए ऐसी छात्रओं को पुन: स्कूल तक लाने के लिए
प्रेरित करेंगे। इस काम के लिए स्कूल समय के बाद एनसीसी और एनएसएस के
विद्यार्थियों की सहायता ली जाएगी। इतना ही नहीं कक्षा 5 से 6, 8 से 9 और
10वीं से 11वीं में जाने वाली छात्राओं पर भी नजर रखी जाएगी।
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साभार: जागरण
समाचार
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