प्रदेश में जेबीटी टीचरों के पद बढ़ने के आसार बन गए हैं। शिक्षा विभाग ने
जेबीटी टीचरों का रेशनलाइजेशन अब शिक्षा के अधिकार के तहत ही करने का
फैसला कर लिया है। शिक्षा विभाग मुख्यालय से आए आदेशों के तहत 280 से अधिक
विद्यार्थियों की संख्या होने पर 7 जेबीटी एवं एक हेड टीचर की नियुक्ति हो
सकेगी। सरकार के इस फैसले से प्रदेश के सभी 21 जिलों में लगभग 4 हजार से
अधिक जेबीटी पोस्ट बढ़ने की संभावना बढ़ गई है। इसका फायदा सीधे तौर पर
नवचयनित जेबीटी अध्यापकों को भी मिल सकता है। शिक्षा विभाग के सूत्रों से मिली जानकारी के
अनुसार विभाग के इस ताजा फैसले से प्रदेश में करीबन 4 हजार नई पोस्ट बन
सकती है। आरटीई के तहत रेशनलाइजेशन से प्रत्येक जिले में कम से कम 150 से
200 जेबीटी पोस्ट बढ़ने की बात शिक्षा विभाग के अधिकारी भी मान रहे हैं।
ये होगी आरटीई के तहत रेशनलाइजेशन की नई व्यवस्था:
- 1-60 बच्चों पर 2 जेबीटी
- 61-90 बच्चों पर 3 जेबीटी
- 91-120 बच्चों पर 4 जेबीटी
- 121-150 बच्चों पर 5 जेबीटी
- 151-200 बच्चों पर 5 जेबीटी, 1 हेड टीचर
- 201-240 बच्चों पर 6 जेबीटी, 1 हेड टीचर
- 241-280 बच्चों पर 7 जेबीटी, 1 हेड टीचर
प्राथमिक शिक्षक संघ लंबे समय से कर रहा था संघर्ष: पहले
विभाग ने रेशनलाइजेशन की प्रक्रिया में आरटीई को बिलकुल नजरअंदाज कर दिया
था। इसका प्राथमिक शिक्षक संघ ने कड़ा विरोध किया था। फतेहाबाद के प्राथमिक
शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष विकास टुटेजा ने भी उच्चाधिकारियों को पत्र
लिखकर रेशनलाइजेशन की प्रक्रिया अपारदर्शी एवं शिक्षा के अधिकार के दायरे
से बाहर बताया था। टुटेजा द्वारा इस मुद्दे को उठाए जाने के बाद शिक्षा
विभाग हरकत में आया और 21 जुलाई को बाकायदा मौलिक शिक्षा के महानिदेशक की
ओर से प्रदेश के सभी जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी कर जेबीटी
टीचरों की रेशनलाइजेशन की सूची आरटीई के तहत मांगी है।
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साभार: अमर उजाला समाचार
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