अफसरों की लापरवाही के चलते प्रदेश के हजारों
अध्यापकों पर चार्जशीट की तलवार लटक गई है। दरअसल शिक्षा विभाग के प्रधान
सचिव टीसी गुप्ता ने आदेश जारी कर दिए हैं कि 24 जुलाई तक सीसीई (सतत
जागरूकता मूल्यांकन) जमा नहीं करवाने वाले अध्यापकों को सेक्शन-7 के तहत
नोटिस देकर चार्जशीट किया जाए। जबकि प्रदेश भर के आधे से ज्यादा स्कूलों
में हालत ये है कि अभी तक सीसीई बुकलेट पहुंची ही नहीं है।
ऐसे में प्रदेश
के हजारों अध्यापक बिना गलती की सजा भुगतने को तैयार रहें। हैरानी इस बात
की है कि जिलों में बैठे लोकल अधिकारियों को वास्तविक स्थिति भली-भांति पता
है, बावजूद उनकी चुप्पी अध्यापकों के लिए खतरे की घंटी साबित हो सकती है।
प्रदेश के 6415 स्कूलों में लागू है सीसीई: प्रदेश
भर में कुल 3984 प्राइमरी एवं 2431 मिडल स्कूल हैं। इस प्रकार कुल 6415
स्कूल ऐसे हैं जिनमें सतत जागरूकता मूल्यांकन बुकलेट जानी थी लेकिन इनमें
से आधे से ज्यादा स्कूलों में अभी तक बुकलेट ही नहीं पहुंची तो अध्यापकों
द्वारा उसे भरने का सवाल ही पैदा नहीं होता।
ये है सतत जागरूकता मूल्यांकन: अध्यापकों
द्वारा पहली कक्षा से लेकर आठवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों की पूरी
गतिविधियों का ब्यौरा एक बुकलेट में लिखा जाता है। इस ब्यौरे में उनके
स्कूल की उपस्थिति से लेकर खेलकूद, सांस्कृतिक गतिविधि में उसकी हिस्सेदारी
और परीक्षाओं में उसके नंबर तक दर्ज होते हैं। ये बुकलेट अध्यापकों को
प्रत्येक माह भरनी होती है और साल के आखिर में विभाग को भेजनी होती है।
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साभार: अमर उजाला समाचार
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