प्रदेश की दो सबसे बड़ी और पुरानी यूनिवर्सिटी
में डिस्टेंस एजुकेशन की मान्यता को लेकर संकट पैदा हो गया है। नियमों को
पूरा नहीं करने पर यूजीसी ने 2015-16 के लिए प्रदेश में सिर्फ हिसार की
जीजेयू को ही डिस्टेंस की मान्यता दी है। जबकि ए ग्रेड यूनिवर्सिटी का
दर्जा प्राप्त एमडीयू और केयूके को बड़ा झटका लगा है। दोनों में से किसी भी
यूनिवर्सिटी को मान्यता नहीं दी गई है। हालांकि दोनों विवि के अधिकारियों
का कहना है कि वे
मान्यता को लेकर लगातार प्रयास कर रहे हैं। पत्र पर पत्र
लिख रहे हैं। प्रदेश में रोहतक की एमडीयू,
कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी और हिसार की गुरु जंभेश्वर यूनिवर्सिटी में ही
डिस्टेंस के कोर्स कराए जाते हैं। 2012-13 में एमडीयू को तीन वर्ष के लिए
मान्यता मिली थी। उसी समय यूजीसी ने निर्देश जारी कर दिए थे कि सत्र
2015-16 के लिए उसी यूनिवर्सिटी को मान्यता दी जाएगी, जो सभी नियमों को
पूरा करेगी। इसमें पहली शर्त नियमित शिक्षकों की रखी गई थी, लेकिन एमडीयू
तभी से डिपार्टमेंट के शिक्षकों के भरोसे ही डिस्टेंस के कोर्स चला रही थी।
मौजूदा सत्र की मान्यता के लिए यूजीसी ने दो दिन पहले लिस्ट जारी कर दी।
इसमें एमडीयू और केयूके को डिस्टेंस के लिए मान्यता नहीं दी गई।
कहां जाएंगे 75 हजार विद्यार्थी: पिछले
सत्र में एमडीयू के डिस्टेंस एजुकेशन सेंटर को अंग्रेजी, हिंदी, राजनीति
विज्ञान, संस्कृत, लोक प्रशासन, इतिहास, प्रबंधन, लाइब्रेरी साइंस, गणित,
कामर्स, ज्योग्राफी और कंप्यूटर साइंस को मान्यता दी गई थी। एमडीयू
से संबद्घ 12 जिलों में 539 कॉलेज हैं। आंकड़ों के मुताबिक, एमडीयू में हर
साल करीब पचास हजार विद्यार्थी डिस्टेंस से पढ़ाई करते हैं। जबकि
कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी में भी करीब 25 हजार से भी अधिक छात्र हर साल
डिस्टेंस एजुकेशन में एडमिशन लेते हैं। दोनों ही यूनिवर्सिटी को इस सत्र के
लिए मान्यता नहीं दी गई।
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साभार: अमर उजाला समाचार
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