Thursday, March 21, 2019

INLD को पार्टी टूटने के बाद एक और करारा झटका: नलवा विधायक रणबीर गंगवा BJP में शामिल

साभार: जागरण समाचार 
होली के अवसर पर हरियाणा की राजनी‍ति में बदलाव देखने को मिला। हिसार के नलवा विधानसभा क्षेत्र से इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के विधायक रणबीर सिंह गंगवा हरा रंग बदलकर भगवा में रंग गए। वह
भाजपा में शामिल हो गए। उनको हरियाणा के मुख्‍यमंत्री मनोहरलाल, भाजपा के प्रदेश प्रभारी डॉ. अनिल जैन और हरियाणा भाजपा के प्रधान सुभाष बराला ने गंगवा को भाजपा में शामिल कराया। माना जा रहा है कि भाजपा उनको हिसार लोकसभा क्षेत्र से अपना प्रत्याशी बना सकती है।  
हिसार लोक सभा क्षेत्र से हो सकते हैं भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी: गंगवा को पार्टी में शामिल कराने के लिए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल, प्रदेश प्रभारी और राष्ट्रीय महासचिव डॉक्टर अनिल जैन और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुभाष बराला होली के दिन भी नई दिल्ली पहुंचे। गंगवा इनेलो के प्रमुख नेताआें शामिल थे और राज्‍यसभा के सदस्‍य भी रह चुके हैं।
4 मार्च 1964  को हिसार ज़िले में जन्मे रणबीर गंगवा वर्ष 2000 में हिसार जिला परिषद के सदस्य चुने गए थे। 2005 में दोबारा हिसार जिला परिषद के सदस्य चुने गए और उन्हें परिषद का वाइस चेयरमैन बनाया गया । 2009 में इंडियन नेशनल लोकदल की टिकट पर उन्होंने नलवा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा लेकिन कांग्रेस के संपत सिंह से चुनाव हार गए। इनेलो ने 2010 में उन्हें राज्यसभा का सदस्य बनवाया।
गंगवा 2014 में राज्यसभा से इस्तीफ़ा देकर नलवा विधानसभा क्षेत्र से एक बार फिर चुनाव लड़े और उन्होंने पूर्व उपमुख्यमंत्री चंद्रमोहन बिश्नोई सहित पूर्व वित्‍तमंत्री संपत सिंह को क़रीब 12, हज़ार मतों से हराया । राज्यसभा सदस्य रहते हुए रणबीर गंगवा ने हिसार लोकसभा क्षेत्र में ढाणियों पर रहने वाले किसानों के लिए बिजली पहुंचाने का काम किया था।
जागरण से बातचीत करते हुए रणवीर गंगवा ने बताया कि भाजपा में शामिल कराने के लिए सबसे पहले उनसे हिसार भाजपा जिलाध्यक्ष सुरेंद्र पूनिया और प्रदेश भाजपा के महामंत्री संजय भाटिया ने संपर्क किया था। इन दोनों नेताओं ने इसके बाद पार्टी के और अन्य अधिकारी और मुख्यमंत्री से मिलवाया। गंगवा ने कहा कि वह इंडियन नेशनल लोकदल के मौजूदा हालात से परेशान होकर पार्टी छोड़ रहे हैं।
गंगवा ने कहा कि उन्हें राजनीति में पीछे जाने या चुनाव हारने या पार्टी का ग्राफ नीचे जाने से कोई कोई रंज नहीं था। लेकिन, जिस तरह गोहाना रैली के बाद इंडियन नेशनल लोकदल का विघटन हुआ उससे इस पार्टी में काम करना मुश्किल हो गया। क्षेत्रीय दल होने के कारण एक परिवार के सदस्यों का पार्टी पर वर्चस्व है। हालांकि, उनका परिवार के सभी सदस्यों ने 20 साल पार्टी में रहते हुए बड़ा सम्मान किया, इसलिए उन्हें चौटाला परिवार के किसी सदस्य से कोई शिकायत नहीं हैं।
गंगवा कहते हैं कि उनके पास दुष्यंत चौटाला की नई जननायक जनता पार्टी, कांग्रेस या फिर भाजपा में जाने का विकल्प था लेकिन उन्होंने भाजपा को इसलिए चुना की मौजूदा मुख्यमंत्री मनोहर लाल ईमानदार छवि के हैंं। उन्होंने जिस तरीक़े से भर्तियां में पारदर्शिता बरती और हरियाणा में आम व कमरे वर्ग के परिवार के बच्चे भी बिना किसी सिफ़ारिश के सरकारी नौकरियों में लगे। इसके बाद मुझे समझ में आ गया कि भाजपा में ही कमरे वर्ग ग़रीब पिछड़े वर्ग का हित सुरक्षित है।
गंगवा ने बताया कि ओम प्रकाश चौटाला, अजय चौटाला और अभय चौटाला ने उनका हमेशा पूरा मान सम्मान किया है। इसलिए हमेशा उनके लिए मेरे दिल सम्मान रहेगा। उन्होंने राजनीतिक हालात के कारण इनेलो छोड़ी है। उन्होंने बताया कि पार्टी छोड़ने की बाबत उन्होंने इनेलो के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अशोक अरोड़ा को बता दिया है पार्टी के कर्ताधर्ता अभय सिंह चौटाला को भी उन्होंने इसकी जानकारी दे दी है।
गंगवा ने कहा कि वह तो पार्टी (इनेलो) छोड़ने की बात सपने में भी नहीं सोच सकते थे लेकिन मौजूदा हालात के कारण यह कदम उठाना पड़ा। वह भाजपा में आकर पिछड़े वर्ग के लोगों की ज़्यादा सेवा कर पाएंगे। गंगवा  ने कहा कि फ़िलहाल वह भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए हैं। पार्टी उन्हें हिसार से चुनाव लड़वाएगी या नहीं यह पार्टी के बड़े नेताओं को तय करना है, लेकिन उनकी कोई मांग नहीं है।