साभार: भास्कर समाचार
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस पीसी घोष राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के द्वारा देश के पहले लोकपाल नियुक्त किए गए। रविवार को ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, पूर्व
अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी की चयन समिति ने जस्टिस घोष का नाम इस पद के लिए आगे बढ़ाया था। लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस बैठक में भाग नहीं लिया था, हालांकि वह भी समिति के सदस्य थे।
यह बनाए गए सदस्य: राष्ट्रपति के द्वारा जस्टिस दिलीप बी. भोसले, जस्टिस पीके मोहंती, जस्टिस अभिलाषा कुमारी और जस्टिस एके त्रिपाठी को ज्यूडिशियल मेंबर्स बनाया गया है। दिनेश कुमार जैन, अर्चना रामसुंदरम, महेंद्र सिंह और डॉ. आईपी गौतम को सदस्य मनोनीत किया गया।
बीसीसीआई में हुई थी लोकपाल की नियुक्ति: सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में रिटायर्ड जज डीके जैन को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) का पहला लोकपाल नियुक्त किया। सीओए ने पिछले साल सुप्रीम कोर्ट में 10वीं स्टेटस रिपोर्ट में लोकपाल की मांग की थी। सीओए ने कहा था कि बीसीसीआई को एक लोकपाल और एक एथिक्स ऑफिसर की जरूरत है।
अन्ना ने लोकपाल नियुक्त किए जाने के फैसले का स्वागत किया: समाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस पिनाकी चंद्र घोष को देश का पहला लोकपाल नियुक्त किए जाने की खबरों का स्वागत करते हुए कहा था, "मैं देश के पहले लोकपाल नियुक्त किए जाने के फैसले का स्वागत करता हूं। इसके लिए 48 सालों से लोग आंदोलन कर रहे थे, आखिर में जीत हुई।"