Thursday, March 14, 2019

मेरा बयान तोड़-मरोड़कर किया गया पेश, नहीं बताया मोदी को आतंकवाद पर सख्‍त - शीला दीक्षित

साभार: जागरण समाचार 
दिल्‍ली की पूर्व मुख्‍यमंत्री शीला दीक्षित का कहना है कि पुलवामा आतंकी हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की
प्रतिक्रिया के सवाल पर मेरे जवाब को कुछ मीडिया संस्‍थानों ने तोड़-मरोड़कर अपने हिसाब से पेश किया है। खबर है कि शीला दीक्षित ने मोदी सरकार की आंतकियों के खिलाफ नीतियों को जोरदार बताया। 26 नंवबर को आंतकी हमले के बाद मनमोहन सरकार ने उतने प्रभावी कदम नहीं उठाए थे, जितने की मोदी सरकार ने पुलवामा में आतंकी हमले में 40 सैनिकों के शहीद होने के बाद आंतकियों के खिलाफ उठाए हैं।
शीला दीक्षित बोलीं, तोड़-मरोड़कर पेश किया गया मेरा बयान
शीला दीक्षित का कहना है कि पुलवामा आतंकी हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रतिक्रिया के सवाल पर मेरे जवाब को कुछ मीडिया संस्‍थानों ने तोड़-मरोड़कर अपने हिसाब से पेश किया है। शीला ने अपने इस इंटरव्यू के बयान पर सफाई देते हुए कहा कि मैंने इंटरव्यू में कहा था- कुछ लोगों को ये लग रहा है कि पीएम मोदी आतंकवाद पर काफी सख्त हैं, लेकिन ये सब और कुछ नहीं बस वोट लेने का एक हथकंडा है। उन्‍होंने बताया, मैंने अपने इंटरव्‍यू के दौरान यह भी कहा था कि राष्‍ट्रीय सुरक्षा हमेशा गंभीर मुद्दा रहा है और इंदिरा जी एक शक्तिशाली नेता थीं।
वहीं खबरों के मुताबिक, शीला दीक्षित ने एक इंटरव्‍यू के दौरान कहा, 'देखिए, मैं इस बात से सहमत हूं कि मनमोहन सिंह उतने सख्‍त नहीं थे, जितने वह (मोदी) हैं। लेकिन मुझे लगता है कि वह ये सब राजनीति से प्रेरित होकर कर रहा हैं।' ये बात उन्‍होंने भारतीय वायुसेना के द्वारा पुलवामा आतंकी हमले के बाद आतंकी संगठन जैश-ए-मुहम्‍मद के बालाकोट स्थित कैंपों पर की गई एयर स्‍ट्राइक के सवाल पर कही। बता दें कि भारतीय वायुसेना की इस एयर स्‍ट्राइक में लगभग 250 आतंकियों के मारे जाने की खबर है।
केजरीवाल ने कसा तंज
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शीला दीक्षित के इस बयान पर ट्वीट करते हुए लिखा कि शीला जी का ये बयान वाक़ई चौंकाने वाला है। भाजपा और कांग्रेस में कुछ तो खिचड़ी पक रही है। इसके बाद मनीष सिसोदिया ने भी ट्वीट कर कहा कि हम तो पहले से ही कह रहे थे कि इस बार कांग्रेस, मोदी जी को दोबारा पीएम बनाने पर काम कर रही है...।वहीं, बयान पर बवाल होने के बाद शीला दीक्षित ने सफाई भी दी है। उन्होंने कहा कि अगर मेरे बयान को किसी दूसरी तरह पेश किया जा रहा है तो मैं कुछ नहीं कह सकती।
गठबंधन की खिचड़ी...?
शीला दीक्षित के इस बयान को आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच पक रही गठबंधन की खिचड़ी को लेकर भी देखा जा सकता है। दरअसल, वरिष्ठ नेता पीसी चाको का कांग्रेस काडर के लिए जारी एक ऑडियो मैसेज ने इसकी अटकलें और तेज कर दी हैं। चाको ने अपने संबोधन में कहा, 'अगर वे चाहें तो दिल्ली में आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन हो सकता है।' ऐसे में शीला दीक्षित जहां पीसी चाको के खिलाफ उतर आई हैं। वहीं, पूर्व अध्यक्ष अजय माकन ने चाको का बचाव किया है। माकन ने राहुल गांधी का हवाला देते हुए शीला दीक्षित को घेरने की कोशिश की है। उधर आम आदमी पार्टी को भी निशाना साधने का मौका मिल गया और उसने कहा कि 'दाहिने हाथ को पता ही नहीं है कि बायां क्या कर रहा है।'
राहुल गांधी ने एलान...!
वैसे बता दें कि हाल में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने एलान किया कि आम आदमी पार्टी के साथ कोई गठबंधन नहीं होगा। कांग्रेस दिल्‍ली की सातों सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेगी। हालांकि, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल बार-बार गठबंधन का आग्रह करते दिखे। दिल्‍ली में बात नहीं बनने पर उन्‍होंने कांग्रेस के हरियाणा में गठबंधन का एक फॉर्मूला पेश कर दिया। इस बीच पीसी चाको का ऑडियो मैसेज सुनकर साफ होता है कि कांग्रेस के अंदर एक गुट ऐसा भी है जो आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन चाहता है। लेकिन शीला दीक्षित कांग्रेस से आप के गठबंधन के सख्‍त खिलाफ हैं। ऐसे में कांग्रेस के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को लेकर दिया गया बयान, उनके मन में चल रही खींचतान को भी दर्शाता है।