Thursday, March 14, 2019

लोकसभा चुनाव में 'मोदी है तो मुमकिन है' होगा भाजपा का नारा - जेटली

साभार: जागरण समाचार 
जेटली ने सरकार की उपलब्धियों पर कहा- चुनाव में 'मोदी है तो मुमकिन है' होगा भाजपा का नारालोकसभा चुनाव में भाजपा 'मोदी है तो मुमकिन है' के
नारे के साथ जनता के बीच जाएगी। नए नारे का खुलासा करते हुए चुनाव प्रचार अभियान समिति के प्रमुख अरुण जेटली ने कहा कि पिछले पांच सालों में अपने अथक परिश्रम से प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी ने देश को नई ऊंचाई तक पहुंचाने का काम किया है। मोदी सरकार की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए जेटली ने कहा कि इसके पहले किसी भी सरकार में इतना काम नहीं हुआ है। 
ध्यान देने की बात है कि पिछले कुछ समय से सरकारी विज्ञापनों में मोदी सरकार की बड़ी उपलब्धियों को 'प्रधानमंत्री ने नामुमकिन में से ना निकाल दिया है' के नाम से प्रचारित किया जा रहा था। चुनाव की घोषणा होने के बाद इसी नारे को अब नए रूप 'मोदी है तो मुमकिन है' के रूप में भाजपा ने अपना लिया है।
भाजपा का मानना है कि सवर्ण गरीबों को 10 फीसदी आरक्षण से लेकर 50 करोड़ गरीबों के लिए पांच लाख रुपये तक सालाना मुफ्त इलाज, आठ करोड़ परिवारों तक मुफ्त गैस कनेक्शन, हर घर बिजली कनेक्शन, 16 करोड़ लोगों को मुद्रा लोन और 32 करोड़ गरीबों के लिए जन-धन खातों जैसे योजनाओं का जिक्र करते हुए जेटली ने कहा कि यह पिछले पांच साल में प्रधानमंत्री के अथक परिश्रम का नतीजा है।
जेटली के अनुसार प्रधानमंत्री बिना कोई छुट्टी लिए लगातार काम कर रहे हैं और विभिन्न मुद्दों पर वरिष्ठ अधिकारियों और मंत्रियों के साथ लंबी बैठक कर निर्णय तक पहुंचते हैं। योजनाओं और कार्यक्रमों को पूरा करने के लिए टारगेट तय करते हैं और फिर उसे टारगेट को समय से पूर्व पूरा कर दिखाते हैं।
मोदी ने कूटनीतिक, आर्थिक और सामरिक जटिल मुद्दों को जल्द-से-जल्द सीखने की क्षमता दिखाई है। प्रधानमंत्री की इस मेहनत का नतीजा देश में हर तरफ देखने को मिल रहा है। देश के भीतर लोगों का सरकार पर भरोसा बढ़ा है और लोग मानने लगे हैं कि मोदी के रहते हुए कुछ भी असंभव नहीं है।
आतंकवाद और आंतरिक सुरक्षा की चुनौतियों से निपटने के लिए मोदी ने जिस प्रतिबद्धता से बड़े-बड़े फैसले लिये, वह पहले संभव नहीं था। उरी हमले के बाद सर्जिकल स्ट्राइक और पुलवामा के बाद एयर स्ट्राइक इसका उदाहरण है। आर्थिक मोर्चे पर मोदी सरकार के दौरान भारत न सिर्फ लगातार पांच साल तक दुनिया की सबसे तेज गति से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था बनने में सफल साबित हुआ है, बल्कि मंहगाई को भी लक्ष्य से नीचे रखने में सफल रही है।