साभार: भास्कर समाचार
शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव केके खंडेलवाल ने बताया कि सीएम मनोहर लाल चाहते हैं कि ऐसी व्यवस्था हो, जिससे शिक्षकों को कम से कम दिक्कतों का सामना करना पड़े, ताकि वे बच्चों की पढ़ाई पर
फोकस कर सकें। अपनी छोटी-मोटी समस्याओं के लिए भी उन्हें निदेशालय तक आना पड़े, क्योंकि इससे उनका समय और धन बर्बाद होता है। इसीलिए पहले सभी शिक्षकों से उनकी समस्याएं आमंत्रित की जाएंगी। इसके बाद विभागीय अधिकारी जिलों में 2-2, 3-3 दिन के कैंप लगाकर उनकी समस्याओं का समाधान करेंगे। यह भी व्यवस्था की जा रही है कि हर स्कूल का महीने में कम से कम 1 बार निरीक्षण जरूर हो। इसके लिए ब्लॉक शिक्षा अधिकारियों को वाहन और अधिकार भी दिए जा रहे हैं। अगर कहीं किसी शिक्षक की कोई कोताही सामने आती है तो उन पर कठोर कार्रवाई भी की जा सकेगी। ब्लॉक शिक्षा अधिकारियों को भी रोजाना 5 से 7 स्कूलों का निरीक्षण करना होगा।
टीजीटी में तब्दील होंगे सीएंडवी टीचरों के पद: खंडेलवाल ने बताया कि राज्य में धीरे-धीरे सीएंडवी श्रेणी के सभी पदों को टीजीटी में तब्दील किया जाएगा। जब भी कोई सीएंडवी टीचर रिटायर होगा तो उसका पद टीजीटी में बदल जाएगा। इस तरह आगे से केवल टीजीटी टीचर ही भर्ती किए जाएंगे।