साभार: भास्कर समाचार
मोबाइल और इंटरनेट सुविधाओं के विस्तार से इंफॉर्मेशन और कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी (आईसीटी) क्षेत्र में नौकरियां बढ़ रही हैं। अगले चार साल में ही इसमें 8.70 लाख से ज्यादा रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। अधिकतर नौकरियां साइबर सिक्योरिटी, एप डेवलपमेंट तथा सेल्स और मार्केटिंग प्रोफेशनल्स के लिए होंगी।
देश में 4जी तकनीक आने के बाद से इंटरनेट डेटा उपयोग करने वाले लोगों की संख्या तो बढ़ी ही है, साथ ही डेटा कंजम्पशन में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। स्मार्टफोन की बढ़ती लोकप्रियता से तकनीक में निरंतर सुधार की मांग तेज हुई है। एसोचैम और केपीएमजी द्वारा की गई साझा स्टडी के मुताबितक 5जी, मशीन टु मशीन कम्युनिकेशन और इंफॉर्मेशन एंड कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी के विस्तार से 2021 के अंत तक देशभर में 8 लाख 70 हजार प्रोफेशनल की जरूरत होगी। इसमें सेल्स एग्जीक्यूटिव से लेकर एप डेवलपर, सिक्योरिटी एक्सपर्ट और हैंडसेट टेक्नीशियन तक के लिए नौकरी के मौके होंगे।
रिपोर्ट के अनुसार टेलीकॉम सेक्टर में उपभोक्ताओं की संख्या सालाना 19.6 फीसदी की दर से बढ़ी है, जबकि इस क्षेत्र में रेवेन्यू भी 7.7 फीसदी की सालाना दर से बढ़ा है। इंटरनेट डेटा के बढ़ते उपयोग का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि 2015 में शहरी इलाकों में प्रति व्यक्ति एक महीने में 430 एमबी डेटा की खपत होती थी, जो 2016 मंे बढ़कर 559 एमबी हो गई। वर्तमान में कुल डेटा खपत में 49 फीसदी हिस्सेदारी वीडियो कंटेंट की होती है, जो 2021 तक बढ़कर 75 फीसदी हो जाएगी। इंटरनेट का बढ़ता उपयोग इस क्षेत्र में नए तरह के बिज़नेस विकल्प उपलब्ध करवा रहा है।
एप डेवलपमेंट: आईसीटी और स्मार्टफोन का बाजार बढ़ने से नए-नए तरह के एप देखने को मिल रहे हैं। एप डेवलपमेंट के लिए आॅब्जेक्टिव सी, सी++, सी# और जावा प्रोग्रामिंग लैंग्वेज की जानाकारी जरूरी है। हालांकि मोबाइल प्लेटफॉर्म के आधार पर लैंग्वेज का चुनाव अलग-अलग हो सकता है। कंप्यूटर साइंस या सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग करने वाले छात्र इसमें कॅरिअर बना सकते हैं।
हैंडसेट, इंफ्रा टेक्नीशियन: इसमें इंफ्रास्ट्रक्चर मेंटेनेंस से लेकर हैंडसेट मैन्युफैक्चरिंग में अवसर हैं। इसमें बीई, बीटेक या डिप्लोमा करने वाले छात्र कॅरिअर बना सकते हैं। टेक्लीकम्युनिकेशन का बैचलर डिग्री कोर्स करने के लिए जरूरी होता है कि बारहवीं की परीक्षा मैथ्स, फिजिक्स और केमिस्ट्री विषयों के साथ पास की हो। इसके अलावा दसवीं के बाद तीन वर्षीय डिप्लोमा कर इसमें कॅरिअर बनाया जा सकता है।
सेल्स और मार्केटिंग: किसी भी क्षेत्र की कंपनियों को अपने मार्केट का विस्तार करने के लिए सेल्स और मार्केटिंग प्रोफेशनल की जरूरत होती है। इस क्षेत्र में भी नई कंपनियों के बढ़ने से इन प्रोफेशनल की मांग बढ़ेगी। किसी भी स्ट्रीम से बारहवीं करने के बाद बीबीए किया जा सकता है। स्पेशलाइजेशन हासिल करने के लिए छात्र सेल्स या मार्केटिंग के एमबीए कोर्स में भी प्रवेश ले सकते हैं।
साइबर सिक्योरिटी: साइबर सिक्योरिटी प्रोफेशनल का काम किसी भी कंपनी के कंप्यूट सिस्टम की सुरक्षा करना होता है। इसके लिए सॉफ्टवेयर डिजाइन और नेटवर्क डोमेन की जानकारी भी जरूरी है। कंप्यूटर साइंस या सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग से बैचलर डिग्री करने के बाद साइबर सिक्योरिटी में डिप्लोमा कर सकते हैं। इससे कॅरिअर में वरीयता मिलने की संभावना होती है।
अलग-अलग क्षेत्र की कंपनियों में जॉब के अवसर: इंफॉर्मेशन एंड कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी क्षेत्र में प्रोफेशनल्स के लिए विभिन्न संभावनाएं हैं। इंजीनियरिंग प्रोफेशनल टेलीफोन और मोबाइल इंडस्ट्री में बतौर इंजीनियर, टेस्ट इंजीनियर, एप्लीकेशन इंजीनियर और इंस्टॉलर जॉब, हैंडसेट डेवलपर जॉब कर सकते हैं। इसके अलावा एप डेवलपर के लिए एप डेवलपिंग फर्म और सॉफ्टवेयर कंपनियों में जॉब के अवसर हैं। वर्तमान में इंटरनेट पर काम करने वाली प्रत्येक कंपनी को साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट की जरूरत होती है, इसलिए इनके लिए विभिन्न क्षेत्रों में जॉब की संभावनाएं हैं।
प्राइवेट कंपनियों में ज्यादा पैकेज की संभावना: इसमें सैलरी पैकेज इंडस्ट्री, अनुभव और शिक्षण के अनुसार अलग-अलग हो सकता है। इस क्षेत्र में सरकारी की तुलना में प्राइवेट कंपनियों में सैलरी ज्यादा होती है। इस क्षेत्र में फ्रेशर को 15 से 20 हजार रुपए प्रति माह का सैलरी पैकेज मिल सकता है। कुछ वर्ष के बाद सैलरी पैकेज 35 से 40 हजार रुपए प्रति माह हो सकता है।