Saturday, September 2, 2017

कॅरिअर के चुनाव में हो मुश्किल, तो मेंटर से सलाह कर लें फैसला

श्वेता रैना (हार्वर्ड बिज़नेस स्कूल की ग्रेजुएट talerang.com की सीईओ)
कम जानकारी की वजह से छात्र खुद को कॉलेज या कॅरिअर के लिए तैयार नहीं पाते। इसमें मेंटर उनकी मदद कर सकते हैं... 
  • 3.5 करोड़ छात्र प्रवेश लेते हैं देशभर में अंडग्रेजुएट कोर्स में 
  • 44.8% छात्र कॉलेज या कॅरिअर के लिए खुद को तैयार नहीं समझते 
  • 59.6% का मानना कि स्कूल में डेवलप हुई स्किल से कॉलेज में मिला फायदा 
  • 87% जनरेशन जेड के छात्र जाना चाहते हैं कॉलेज
पहले की पीढ़ी के लिए कॅरिअर के विकल्प सीमित थे। अधिकांश छात्र डॉक्टर, इंजीनियर, लाॅयर या फिर अपने पारिवारिक बिज़नेस में किसी एक का चुनाव ही करते थे। लेकिन अब ऐसा नहीं है और कॅरिअर के कई विकल्प मौजूद हैं। लेकिन इनमें से सही विकल्प का चुनाव करने के लिए छात्रों को सही राय की जरूरत होती है। छात्रों को कॅरिअर के विकल्पों के बारे में जानकारी देने से ज्यादा आसान और बेहतर तरीका है उन्हें उनके पसंद के कोर्स चुनने में मदद की जाए। यह काम एक मेंटर बेहतर तरीके से कर सकता है। यूथ ट्रुथ की एक स्टडी के मुताबिक हाई स्कूल में पढ़ने वाले करीब 44.8 फीसदी छात्र कॉलेज या कॅरिअर को लेकर खुद को तैयार नहीं पाते हैं। इसका प्रमुख कारण छात्रों में अपने भविष्य के बारे में स्पष्टता की कमी भी है। यहीं एक अच्छे मेंटर की जरूरत होती है। मेंटर के साथ मिलकर अपने लिए सर्वश्रेष्ठ विकल्प का चुनाव करें, फिर उसको हासिल करने के लिए तैयारी करें... 
जागरूक होना: मेंटर के साथ मिलकर अपने कमजोर और मजबूत पक्षों का पता लगाने की कोशिश करें। मेंटर को अपने पैशन और क्षमताओं के बारे में पूरी जानकारी दें। अपने पसंदीदा कॅरिअर विकल्पों के बारे में मेंटर से चर्चा करें। यह भी समझने की कोशिश करें कि वहां तक कैसे पहुंचा जा सकता है। उनकी राय के आधार पर अागे की योजना पर काम किया जा सकता है। इससे आपको अपने पसंद और नापंसद को लेकर भी स्पष्टता आएगी। उनके अनुभव की मदद लेते हुए खुद के लिए सही विकल्प का पता लगाएं। 
एक्शन प्लान बनाएं: अब तक के परफॉर्मेंस के आधार पर मेंटर अापको सही चुनाव करने में मदद करेंगे। लेकिन जरूरी है कि अपने कम और लंबी अवधि के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए योजना तैयार की जाए। उदाहरण के लिए यदि अापने निश्चित किया है कि आपको विदेश में पढ़ाई करनी है, तो इसके लिए व्यवस्थित योजना तैयार करें। इसके लिए जरूरी कदमों की सूची बनाएं। मेंटर से अपनी योजना पर चर्चा करें कि क्या यह व्यावहारिक है और इसमें किया जाने वाला खर्च वाजिब है। 
प्रत्येक कदम के बाद फीडबैक पर कर सकते हैं चर्चा: मेंटर सभी तरह की संभावनाओं पर फैसले लेने में मदद कर सकते हैं। उनसे जरूरी राय लेने के बाद इस अनुभव पर विचार करें और हो सके तो इस पर चर्चा भी करें। इससे आपको इसके विभिन्न पहलुओं को समझने में मदद मिलेगी। इस पर विचार करें कि क्या सभी बातें योजना के मुताबिक हैं। यदि आपको पढ़ाई या जॉब में कोई समस्या है, तो उनसे इस बारे में भी चर्चा कर सकते हैं। वे इन समस्याओं को हल करने के रास्ते बताएंगे। किसी भी चीज को छोड़ने से पहले उनकी राय लें और देखें कि क्या यह आपके लिए उपयोगी है। नई पीढ़ी अपनी जगह बनाने के लिए पूरी ऊर्जा के साथ काम करने को तैयार है। टेक्नोलॉजी की मदद से उन्हें पूरी जानकारियां तुरंत मिल जाती हैं। मेंटर उन्हें लंबी दूरी के लक्ष्यों को हासिल करने में मदद कर सकते हैं। उनके अनुभव युवाओं को कॅरिअर में सही विकल्प चुनने और सही योजना बनाने में मदद कर सकते हैं। यह जरूरी नहीं है कि वे उम्र में बहुत बड़े हों। कुछ वर्ष बड़े प्रोफेशनल या कॉलेज के सीनियर को भी मेंटर बनाया जा सकता है। जितना ज्यादा चर्चा करेंगे, कॅरिअर को लेकर स्पष्टता आती जाएगी।