Saturday, September 2, 2017

बड़े शहरों में बढ़ी इंटीरियर डिजाइनर की मांग; 12वीं करने के बाद कर सकते हैं कोर्स

साभार: भास्कर समाचार
डिजाइनिंग में क्रिएटिविटी और अार्टिस्टिक टैलेंट की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इंटीरियर डिजाइनिंग का उपयोग शहरों में ऑफिस और लिविंग स्पेस में किया जाता है। कुछ वर्ष पहले तक इंटीरियर डिजाइनिंग का
काम आर्किटेक्ट द्वारा ही किया जाता था। लेकिन अब इंटीरियर डिजाइनर के लिए अवसर बढ़े हैं। 
क्या है इंटीरियर डिजाइनिंग: इंटीरियरडिजाइनिंग के अंतर्गत किसी स्थान जैसे कि घर या ऑफिस को ज्यादा आकर्षक बनाने का काम किया जाता है। यह काम करने वाले प्रोफेशनल को इंटीरियर डिजाइनर कहते हैं। लेकिन अब इससे भी ज्यादा स्पेशिफिक प्रोफेशनल जैसे ऑफिस डिजाइनर, किचन डिजाइनर, रूम्स डिजाइनर, होम डेकोर एक्सपर्ट की मांग बढ़ी है।  
कैसे ले सकते हैं प्रवेश: 12वीं करने के बाद बैचलर ऑफ फाइन आर्ट कोर्स या बैचलर ऑफ डिजाइन कर इंटीरियर डिजाइनिंग में स्पेशलाइजेशन हासिल की जा सकती है। आर्किटेक्चर की डिग्री करने के बाद डिप्लोमा कर इसमें स्पेशलाइजेशन हासिल कर सकते हैं। 

कहां कर सकते हैं जॉब: आर्किटेक्चर फर्म , बिल्डर और पब्लिक वर्क डिपार्टमेंट, टाउन प्लानिंग ब्यूरो, या प्राइवेट कंसल्टेंसी फर्म में जॉब कर सकते हैं। खुद का बिज़नेस भी शुरू कर सकते हैं। 
क्या होगा सैलरी पैकेज: फ्रेशर को 10-15 हजार रु प्रति माह तक का पैकेज मिलने की संभावना होती है। 3 से 5 वर्ष के अनुभव के बाद 30-50 हजार रु प्रति माह तक का पैकेज मिल सकता है।
फैक्ट फाइल: डिजाइनिंग के क्षेत्र में कुल 13 फीसदी कंपनियां इंटीरियर डिजाइनिंग से संबंधित है। करीब 6 फीसदी कंपनियां 25 करोड़ रुपए से ज्यादा और 26 फीसदी कंपनियां 5 से 25 करोड़ रुपए के बीच की हैं।
कहां से करें कोर्स 
  • नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन, अहमदाबाद www.nid.edu 
  • सेंटर फॉर एनवायरनमेंट प्लानिंग एंड टेक्नोलॉजी, अहमदाबाद www.cept.ac.in
  • जेएनएएफएयू, हैदराबाद http://jnafau.ac.in/
  • आईआईएफटी, दिल्ली http://www.iiftnorthdelhi.com/