साभार: जागरण समाचार
ब्लू व्हेल गेम का मकड़जाल तोड़ने के लिए गूगल और फेसबुक समेत तमाम इंटरनेट कंपनियां सरकार की मदद को आगे आई हैं। सरकार ने इन कंपनियों से कहा है कि बच्चों तक ब्लू व्हेल गेम की पहुंच समाप्त करने के लिए
केवल गेम के लिंक को हटाने तक खुद को सीमित न रखें। गूगल से इस गेम से मिलते-जुलते नामों वाले गेम और वेबसाइटों की तलाश कर यह पता लगाने को कहा है कि कहीं दूसरे नाम से तो इस खेल का लिंक सक्रिय नहीं है।देश में ब्लू व्हेल गेम का शिकार होने वाले बच्चों की संख्या बढ़ने के कारण सरकार बेहद चिंतित है और लगातार इन कंपनियों पर दबाव बनाये हुए है। इसी क्रम में सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद की पहल पर मंत्रलय ने इन कंपनियों के साथ इसके लिंक को हटाने और उसका प्रसार रोकने के उपाय करने को लेकर एक बैठक की थी। इसमें इन कंपनियों से इस जानलेवा खेल को रोकने में पूरी ताकत लगाने को कहा गया। मंत्रलय सूत्रों के मुताबिक, चूंकि गूगल सबसे लोकप्रिय सर्च इंजन है, इसलिए वह इंटरनेट के अथाह भंडार में इस खेल तक पहुंचने के वैकल्पिक रास्तों की तलाश आसानी से कर सकता है। गूगल ने ऐसा करने की हामी भर दी है।
बच्चों में इस खतरनाक खेल को खेलने के लिए प्रेरित करने वाले संदेशों के प्रसार पर रोक लगाने का काम गूगल के अलावा वाट्सएप और फेसबुक को सौंपा गया है। वाट्सएप और फेसबुक जैसी सोशल साइट्स पर चैटिंग ग्रुप चलते हैं। सामाजिक संवाद के ये दोनों सबसे लोकप्रिय नेटवर्क हैं। इसलिए इन दोनों से अपने-अपने नेटवर्क पर विभिन्न ग्रुप में होने वाली चैटिंग पर नजर रखने को कहा गया है। इसका उद्देश्य यह पता लगाने का है कि चैटिंग के जरिये बच्चों को यह खेल खेलने के लिए आकर्षित करने और उसका लिंक भेजने की कोशिश तो नहीं हो रही है। इसका लाभ यह होगा कि यदि ऐसा कुछ पता लगता है तो ये कंपनियां इसे तुरंत रोकने में सक्षम रहेंगी। सरकार के निर्देशों का सभी कंपनियों ने पालन करने और अपनी पूरी मदद का भरोसा दिया है।