Thursday, September 14, 2017

प्रद्युम्न हत्याकांड के बाद शिक्षा विभाग अलर्ट: बच्चों की सुरक्षा के मानदंड होंगे और कड़े

साभार: जागरण समाचार 
गुरुग्राम के रेयान इंटरनेशनल स्कूल में दूसरी कक्षा के छात्र प्रद्युम्न की हत्या से सबक लेते हुए सरकार सभी स्कूलों में सुरक्षा के मानक नए सिरे से तय करेगी। बृहस्पतिवार को चंडीगढ़ में उच्च स्तरीय बैठक बुलाई गई है
जिसमें शिक्षा मंत्री राम बिलास शर्मा निदेशालय के अफसरों के अलावा स्कूल प्रबंधन से जुड़े लोगों के साथ मंथन करेंगे। वर्तमान नियमों में संशोधन कर स्कूलों के लिए नई गाइड लाइन जारी की जाएगी।
स्कूलों में छात्रों, शिक्षकों और सुरक्षा मापदंडों हेतु प्रभावी दिशा-निर्देश के लिए सीनियर अधिकारियों की एक कमेटी पहले ही बनाई जा चुकी जो शाम तक रिपोर्ट सौंपेगी। उच्च स्तरीय बैठक में शिक्षा मंत्री के साथ विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डा. केके खंडेलवाल, प्रधान सचिव ज्योति अरोड़ा सहित अन्य अधिकारी शामिल होंगे। सरकार की योजना स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा के लिए एक प्रणाली विकसित करने की है जिसमें जिला स्तरीय या स्कूल स्तरीय समितियों का गठन किया जाएगा। इसके बाद नियमों को ताक पर रखने वाले निजी स्कूलों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। 
सीबीआइ जांच को तैयार, सुप्रीम कोर्ट में सौंपेंगे रिपोर्ट: प्रद्युम्न हत्या मामले में सरकार सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई के दौरान पूरी रिपोर्ट सौंपेगी। शिक्षा मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने प्रद्युम्न के पिता से बात की है। अगर वह चालान से संतुष्ट नहीं हुए तो सरकार सीबीआइ को भी जांच सौंपने को तैयार है। फिलहाल पुलिस की जांच सही दिशा में आगे बढ़ रही है।
निसा ने दिए अहम सुझाव: नेशनल इंडिपेंडेंट स्कूल्स अलायंस (निसा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष कुलभूषण शर्मा ने हादसों की पुनरावृत्ति रोकने को अहम सुझाव दिए हैं। इसके मुताबिक सभी कक्षाओं, गलियारों, सीढ़ियों, मुख्य गेट और महत्वपूर्ण क्षेत्रों में क्लोज सर्किट कैमरे लगाए जाएं। डिस्पले मॉनिटर प्रिंसिपल के कमरे में हो जहां निगरानी के लिए अलग से कर्मचारी तैनात होना चाहिए। सुरक्षा व्यवस्था पर नजर रखने को अध्यापकों के साथ पेरेंट्स टीचर्स एसोसिएशन की कमेटी बनाई जाए। आपात स्थिति में बच्चों को सुरक्षित निकालने के लिए स्कूल फायर ऑडिट कराएं और समय समय पर फायर डिल हो। इसके अलावा बच्चों को गुड टच और बैड टच सिखाते हुए चालकों और चौकीदारों का पुलिस सत्यापन कराया जाए। उनके व्यवहार पर भी नजर रखनी होगी।