Wednesday, September 6, 2017

ब्लू व्हेल: गुमसुम बच्चा छिपकर इंटरनेट का इस्तेमाल करे तो उसे है आपकी जरूरत; 4 राज्यों ने इंटरनेट लिंक्स पर पाबंदी लगाने को कहा

यदि आपका बच्चा गुमसुम रहने लगा है फिर भी छिपकर इंटरनेट का इस्तेमाल बंद नहीं किया है तो उसे आपके ध्यान की जरूरत है। संभव है कि वह ब्लू व्हेल के गेम में फंस रहा है। ऐसे में उसे मनोचिकित्सकों के साथ-साथ
माता-पिता की समझाइश की जरूरत है। देशभर में अब तक ब्लू व्हेल गेम के बाद खुदकुशी करने वालों में कुछ ऐसे ही लक्षण सामने आए हैं। 
केंद्रीय गृहमंत्रालय में बीती 30 अगस्त को एक बैठक हुई। इंटरनल सिक्योरिटी सेक्रेटरी रीना मित्रा की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में मप्र, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और केरला के पुलिस अफसरों के अलावा टेलीकॉम कंपनी और गृह मंत्रालय के चुनिंदा अफसर शामिल हुए। मुद्दा था इंटरनेट पर बढ़ रहे ब्लू व्हेल गेम के चलन पर रोकथाम लगाने का। इस दौरान ब्लू व्हेल गेम के कारण अब तक हुई खुदकुशी या इसकी कोशिश के मामलों की भी समीक्षा की गई। इसमें सामने आया कि सभी देशों में हुई ऐसी घटनाओं को पहले ही रोका जा सकता था। ये कदम केवल उन्हीं बच्चों ने उठाया, जिनका बर्ताव सामान्य से बदल गया था। वे इंटरनेट का इस्तेमाल तो छिपकर कर रहे थे, लेकिन परिवार के बीच गुमसुम रहने लगे थे। बीती 11 अगस्त को सीनियर डायरेक्टर मिनिस्ट्री एंड इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी अरविंद कुमार ने सभी टेलीकॉम कंपनीज, गूगल इंडिया, फेसबुक इंडिया, वाट्सएप इंडिया, इंस्टाग्राम इंडिया, माइक्रोसॉफ्ट इंडिया और याहू इंडिया को निर्देश जारी किए हैं। इसमें लिखा है कि ब्लू व्हेल या इसके समकक्ष गेम एडमिनिस्ट्रेटर अपने प्रचार-प्रसार के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर रहे हैं। ऐसे लिंक्स को तलाश कर फौरन प्लेटफॉर्म से रिमूव किया जाए। 16 अगस्त को इस संबंध में अंडर सेक्रेटरी आरके सोनी ने भी ऐसे लिंक्स को इंटरनेट से हटाने के निर्देश दिए हैं। 
ये हैं इस गेम से ग्रसित बच्चों के लक्षण
  • परिवार के बीच तो वे गुमसुम रहते हैं, लेकिन इंटरनेट का इस्तेमाल चोरी-छिपे कर ही लेते हैं। 
  • इंटरनेट का इस्तेमाल कर पाने पर उनका चिड़चिड़ापन बढ़ जाता है। 
  • ऐसे बच्चों की सोशल मीडिया या किसी पोस्ट पर ब्लू व्हेल की तस्वीर देखी जा सकती है। 
  • ऐसे बच्चे खासकर देर रात में इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं। 

अपने बच्चों को ये बातें समझाएं:
  • गेम एडमिनिस्ट्रेटर न उसे और न ही उसके परिवार को नुकसान पहुंचा सकते हैं। 
  • ये गेम माइंड वॉश कर खिलवाया जाता है, इसलिए ऐसे बच्चों को अपने जीवन में दोबारा लौटाना है। 
  • गेम एडमिनिस्ट्रेटर के निर्देशों का पालन करने की कोई जरूरत नहीं, ही आप इसके लिए बाध्य हैं। 
  • आप कभी भी इस गेम को खेलना बंद कर सकते हैं, एडमिनिस्ट्रेटर आपको कॉल कर कुछ नहीं कहेगा। 
  • ऐसे बच्चों के शरीर पर चोट के निशान दिखने शुरू हो जाते हैं, जो उन्हें किसी हादसे में नहीं आई हैं।