साभार: भास्कर समाचार
निजी स्कूलों में 10वीं और 12वीं कक्षा पास लड़के और लड़कियां टीचर हैं। एेसे अनट्रेंड टीचरों की संख्या हजारों में है। इन अनट्रेंड टीचरों से केवल नौनिहालों का भविष्य खराब होता है, बल्कि शिक्षा का स्तर भी गिरता है। केंद्र
सरकार ने ऐसे अनट्रेंड टीचरों को ट्रेंड करने का फैसला लिया है। जुलाई 2019 के बाद कोई अनट्रेंड टीचर स्कूल में नहीं पढ़ा सकेगा। अब ऐसे अनट्रेंड टीचरों को डिप्लोमा इन एलमेंट्री एजूकेशन (डीईएलई) करना जरूरी होगा। अगर किसी स्कूल में 31 मार्च 2019 के बाद भी अनट्रेंड टीचर हुए तो स्कूल की मान्यता रद्द कर दी जाएगी। इस संबंध में केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय (एमएचआरडी) ने एजूकेशन डिपार्टमेंट को सख्त निर्देश जारी किए हैं। इसमें एमएचआरडी ने एेसे एनआईओएस द्वारा डिस्टेंस एजुकेशन के जरिए डीएड कराने के लिए कहा है। केंद्र सरकार यह कोर्स फ्री कराएगी। सिर्फ छह हजार रुपए परीक्षा शुल्क देना होगा। इसमें 1500 रुपए की छूट दी जाएगी। ट्रेनिंग के लिए टीचरों को 15 सितंबर तक पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन कराना होगा।