साभार: भास्कर समाचार
अनएडेड कॉलेजों की समीक्षा, निरीक्षण, रैंकिंग से लेकर ग्रेडिंग और मान्यता छीनने तक का अधिकार चार साल के लिए क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया को दिए जाने पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। जस्टिस महेश ग्रोवर और
जस्टिस राज शेखर अत्री की खंडपीठ ने केंद्र सरकार, नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन, क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया तथा एमडीयू रोहतक के रजिस्ट्रार को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। इस दौरान 28 मार्च की बैठक में लिए गए फैसले पर हाईकोर्ट ने अगले आदेशों तक रोक लगा दी। नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (एनसीटीई) के फैसले को अनएडेड कॉलेज एसोसिएशन ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। एसोसिएशन की ओर से एडवोकेट प्रवीण गुप्ता ने कहा कि 28 मार्च 2017 को एनसीटीई की जनरल बॉडी बैठक बुलाई गई थी। इसके बाद निर्णय लिया गया था कि प्राईवेट कॉलेजों की समीक्षा, निरीक्षण, रैंकिंग से लेकर ग्रेडिंग और मान्यता छीनने तक का अधिकार क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया को दे दिया जाए। याचिका में कहा गया कि यह दलील सही नहीं है। एक बैठक में एजेंडा लाकर किसी अन्य बॉडी को इतनी बड़ी जिम्मेदारी नहीं सौंपी जा सकती है। इसके लिए तय प्रक्रिया को पूरा नहीं किया गया।