Friday, July 7, 2017

हाईकोर्ट ने FSL द्वारा अयोग्य करार जेबीटी की नियुक्ति पर लगाई रोक, अभ्यर्थी पहुंचे कोर्ट

मधुबन स्थित फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (एफएसएल) द्वारा अयोग्य करार दिए गए शिक्षकों ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर कर उन्हें अयोग्य ठहराए जाने के फैसले पर रोक लगाने की मांग की है। कोर्ट से आग्रह किया गया कि उनकी नियुक्ति तक उनकी मेरिट से नीचे के उम्मीदवारों को नियुक्ति नहीं दी
जानी चाहिए। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। उनसे नीचे मेरिट वालों को नियुक्ति दे दी गई तो उनके साथ अन्याय होगा। हाईकोर्ट ने याचिका पर प्राथमिक सुनवाई के बाद मौलिक शिक्षा विभाग के निदेशक को अगली सुनवाई पर कोर्ट में पेश होने का आदेश देते हुए इस दौरान जेबीटी शिक्षकों को नियुक्ति देने पर रोक लगा दी। कोर्ट ने मामले पर 13 जुलाई के लिए सुनवाई तय करते हुए इस दौरान एफएसएल से भी इस बारे में जवाब मांगा है।  
हिसार निवासी जोगेंद्र सिंह अन्य की तरफ से दाखिल याचिका में कहा गया कि 9455 जेबीटी शिक्षकों की भर्ती में उनका चयन हो गया था। हरियाणा सरकार ने उनका जिला भी अलाट कर दिया था लेकिन अंगूठा जांच में फेल दर्जनों जेबीटी शिक्षकों को एफएसएल की तकनीकी जांच की रिपोर्ट पर उन्हें अयोग्य करार दिया गया। इसके बाद सरकार ने उनको नियुक्ति देने से इंकार कर दिया। सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया कि मधुबन एफएसएल ने अपनी तकनीकी जांच में मेवात कैडर के 59 रेस्ट ऑफ हरियाणा के 293 शिक्षकों को अयोग्य करार दिया गया। जांच रिपोर्ट में स्पष्ट जानकारी नहींं दी गई। याचिकाकर्ता ने कोर्ट से आग्रह किया कि उनके सभी दस्तावेज सही है और बिना किसी आधार पर केवल अयोग्य करार लिखने से उनकी नियुक्ति नही रोकी जा सकती। याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट से आग्रह किया कि उनको नियुक्ति देने के सरकार को आदेश जारी किए जाएं। 
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साभार: भास्कर समाचार 
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