Friday, July 7, 2017

ग्रुप सी कर्मचारियों को HCS नॉमिनेट करने की प्रक्रिया पर विवाद, दोबारा शुरू होगी प्रोसेस

हरियाणा के विभिन्न विभागों में कार्यरत कर्मचारियों और अधिकारियों को हरियाणा सिविल सेवा (एचसीएस) में प्रमोट करने की प्रक्रिया पर विवाद खड़ा हो गया है। एचसीएस प्रमोट होने के लिए आ रही संस्तुतियों को
नकारते हुए प्रदेश सरकार ने इस प्रक्रिया को भी रद कर दिया। अब कर्मचारियों व अधिकारियों को एचसीएस बनाने की प्रक्रिया नए सिरे से शुरू की जाएगी।  यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। हरियाणा में ग्रुप सी के तहत विभागों से कर्मचारियों का चयन कर उन्हें एचसीएस बनाने का प्रावधान है। यह नियुक्तियां हमेशा से ही विवादों में रही हैं। पूर्व की सरकारें इन नियुक्तियों के लिए अपने अनुकूल नियमों में फेरबदल करती रही हैं और इस बार भी नियमों में कुछ बदलाव हुआ था। पिछली हुड्डा सरकार के कार्यकाल में विभागों से एचसीएस नियुक्त करने का मामला काफी सुर्खियों में रहा था। इसके बाद भाजपा सरकार ने अपने अनुकूल माहौल करते हुए विभागों से एक-एक कर्मचारी एवं अधिकारी का नाम मांगा। उन्हीं कर्मचारियों को एचसीएस बनाने के लिए संस्तुति करने को कहा गया, जिनकी कम से कम आठ साल की नियमित सरकारी नौकरी हो, आयु 50 वर्ष से अधिक न हो, विभागीय कार्रवाई न हुई हो तथा आवेदक को विजिलेंस ब्यूरो से अनापत्ति प्रमाण पत्र हासिल हो। मुख्य सचिव कार्यालय से जारी परिपत्र के अनुसार सरकार ने ग्रुप सी सेवा के सदस्यों के लिए वर्ष 2016 में एचसीएस (एक्जक्यूटिव ब्रांच) की रिक्तियों को भरने के लिए 12 अप्रैल 2017 के विभागीय पत्र को वापस लेने का निर्णय लिया है। उसी अनुरूप 9 मई 2017 और 7 जून 2017 को जारी पत्र के अनुसार एचसीएस (एक्जक्यूटिव ब्रांच) की रिक्तियों को भरने के लिए विभागाध्यक्षों से नई संस्तुतियां मांगी गई हैं।
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साभार: जागरण समाचार 
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