Monday, July 10, 2017

बदलेगा कॉमर्स का सिलेबस: इस साल पुराने टैक्स ही पढ़ेंगे विद्यार्थी, अगले साल जीएसटी शामिल होगा

गुड्स एंड सर्विस टैक्स यानी जीएसटी के लागू होने के बाद अब कॉमर्स स्टूडेंट के सिलेबस को भी बदलने की तैयारी की जा रही है। हालांकि इस समेस्टर में कॉमर्स के स्टूडेंट सेल टैक्स, वैट, एसटी, टीएसडी एक्साइज ड्यूटी
ही पढ़ेंगे। लेकिन दूसरे सेमेस्टर यानी जनवरी 2018 से जीएसटी को विषय में शामिल किया जाएगा। इसके लिए एमडीयू में मंथन शुरू हो गया है। एक जुलाई से जीएसटी लागू होने के कारण फिलहाल पाठ्यक्रम तैयार नहीं हो पा रहा। जीएसटी यूनिट को दूसरे और तीसरे सेमेस्टर में ही शामिल किया जाएगा। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। नए साल से ही कॉमर्स स्टूडेंट्स इसे पढ़ना शुरू करेंगे। पुराने टैक्स सिस्टम को सिलेबस से हटाया जाएगा। एमडीयू कॉमर्स विभाग के एचओडी प्रो. नरेंद्र गर्ग का कहना है एमडीयू संबंधित कॉलेजों के लिए जीएसटी का नया पाठ्यक्रम तैयार करने का जिम्मा कॉमर्स विभाग को सौंपा है। करीब एक महीने में यह नया पाठ्यक्रम तैयार कर लिया जाएगा। इसके लिए एडमिशन प्रक्रिया पूरी होने के बाद काॅमर्स विशेषज्ञों की बैठक भी बुलाई जाएगी। फिलहाल एमडीयू के साथ करीब 150 कॉलेज संबद्ध हैं।  
वहीं, यमुनानगर के एमएलएन कॉलेज के वाणिज्य विभाग की एचओडी डॉ. अनिल धवन ने बताया कि 31 मार्च को सेशन खत्म हो गया था। तब तक सेल टैक्स, वैट, एसटी, टीएसडी एक्साइज ड्यूटी पढ़ाए गए। अब एक जुलाई से जीएसटी लागू हो गया है। इसलिए 15 जुलाई से शुरू हो रहे शिक्षण सत्र में यह पाठयक्रम होना जरूरी है। क्योंकि अब सेल टैक्स पढ़ाने का कोई लाभ नहीं है। उन्होंने बताया कि कोर्स बदलने के बारे में कुरुक्षेत्र युनिवर्सिटी में विचार चल रहा है। उम्मीद है कि 15 जुलाई से पहले पाठयक्रम में हुए चेंज के बारे में कुछ पता लग जाएगा। 

आमजन को रिसर्च स्कॉलर करेंगे जागरूक: कॉमर्स विभाग की ओर से सिर्फ स्टूडेंट्स को जीएसटी का पाठ नहीं पढ़ाया जाएगा। इसके लिए आमजन को भी जागरूक करने की प्लानिंग तैयार की गई है। कॉमर्स विभाग के एचओडी प्रो. नरेंद्र गर्ग का कहना है कि गांवों में जागरुकता शिविर लगाने का भी फैसला लिया गया है। आमजन की एक से दो घंटे की क्लास लगाई जाएगी। इसके तहत 15-20 गांवों को जोड़ा जाएगा। एमडीयू के काॅमर्स विभाग के रिसर्च स्कॉलर को इसके लिए ट्रेनिंग दी जा रही है। करीब 10 रिसर्च स्कॉलर इसमें आमजन की मदद करेंगे। हां, यदि व्यापारी भी इसे समझना चाहते हैं तो वे भी सकते हैं। 
नए जीएसटी पाठ्यक्रम में स्टूडेंट्स को पढ़ाया जाएगा कि जीएसटी क्या है, यह दूसरे टैक्स से कैसे अलग है, कैसे इस टैक्स को लगाया जाता है। नए टैक्स आने के बाद नियम और कानूनी प्रावधान। इसके दुरुपयोग या दिए जाने पर सजा के प्रावधान की जानकारी स्टूडेंट्स को दी जाएगी। साथ ही यह भी बताया जाएगा कि जीएसटी को लेकर जो भ्रांतियां फैली हैं, उन्हें दूर करने की तकनीक, जीएसटी के आने पर किस तरह से प्रभावी होगा। अभी तक पढ़ाए जा रहे 17 टैक्स के चैप्टर को भी पाठ्यक्रम से हटाया जाएगा। 
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साभार: भास्कर समाचार 
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