Sunday, June 25, 2017

श्रीकांत पहुंचे ऑस्ट्रेलियन ओपन सीरीज के फाइनल में, जानिए उनकी करियर प्रोग्रेस के बारे में

श्रीकांत किदाम्बी ने ऑस्ट्रेलियन ओपन सुपर सीरीज बैडमिंटन के फाइनल में प्रवेश कर लिया। उन्होंने चौथी वरीयता प्राप्त चीन के शी यूकी को 21-10, 21-14 से हराया। मैच का फैसला 37 मिनट में हुआ। श्रीकांत के सामने फाइनल में विश्व के छठे नंबर के खिलाड़ी चीन के चेन लोंग की चुनौती होगी जिन्होंने 14वीं रैंकिग के काेरियाई खिलाड़ी ली ह्यून को एक घंटे आठ मिनट के संघर्ष में 26-24, 15-21, 21-17 से हराया। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। श्रीकांत ने छह दिन में दूसरी बार किसी सुपर सीरीज के फाइनल में जगह बनाई है। वे पिछले सप्ताह इंडोनेशिया सुपर सीरीज के फाइनल में पहुंचे थे। वहां चैंपियन बने थे। लोंग के खिलाफ श्रीकांत का कॅरिअर रिकॉर्ड 0-5 है।  
भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ियों ने हाल के कुछ सालों में अपने प्रदर्शन से चीन का इस खेल में दबदबा कम किया है। महिलाओं में साइना नेहवाल और पीवी सिंधु के अलावा पुरुष खिलाड़ी भी विश्व पटल पर चमके हैं। इन उभरती युवा प्रतिभाओं में किदांबी श्रीकांत, बी. साई प्रणीत, अजय जयराम और प्रणय कुमार तेजी से अपनी पहचान बना रहे हैं। आज हम बात कर रहे हैं 24 साल के श्रीकांत की, जिन्होंेने पिछले सप्ताह इंडोनेशिया ओपन सुपर सीरीज जीता। उससे पहले सिंगापुर ओपन के फाइनल में पहुंचे थे। और इस सप्ताह ऑस्ट्रेलियन ओपन जीतने से एक कदम दूर हैं।
श्रीकांत गुंटूर (आंध्रप्रदेश) में 7 फरवरी 1993 को जन्मे। पिता किट्टू किदांबी किसान और माता राधा हाउसवाइफ थीं। बड़ा भाई नंदगोपाल हैदराबाद में पुलेला गोपीचंद की अकादमी में ट्रेनिंग लेते। परिवार के साथ 2008 में हैदराबाद शिफ्ट हो गए। श्रीकांत अपनी कॅरिअर को लेकर सीरियस नहीं थे। उन्हें नहीं पता था कि भविष्य में क्या बनना है? पिता इसे लेकर चिंतित थे। उन्होंने बड़े बेटे के कोच गोपीचंद से निवेदन किया कि श्रीकांत को भी ट्रेनिंग देने लगें। श्रीकांत ने गोपीचंद अकादमी ज्वाइन कर ली। शुरुआत में वे डबल्स और मिक्स्ड डबल्स की ट्रेनिंग लेते थे। तीन साल बाद सिंगल्स पर फोकस करना शुरू कर दिया। श्रीकांत ने 2011 में कॉमनवेल्थ यूथ गेम्स में सिल्वर जीतकर पहला अंतरराष्ट्रीय मेडल हासिल किया। 2012 में श्रीकांत की वर्ल्ड रैंकिंग 240 थी। एक साल में ही वे दुनिया के 13वें नंबर के खिलाड़ी बन गए। उनकी बेस्ट रैंकिंग जून 2015 (तीसरा नंबर) में थी। 
श्रीकांत ने 2014 में चाइना ओपन सुपर सीरीज के फाइनल में ओलिंपिक चैंपियन और अपने आइडल चीन के लिन डैन को हराया था। तब उन्होंने कहा था- मैं डैन का खेल देखते हुए बड़ा हुआ हूं। उन्हें हराकर पहली सुपर सीरीज जीतना अविश्वसनीय है। मुझे नहीं लगता कि मैंने इससे बड़ी जीत कभी हासिल की होगी। वे सुपर सीरीज जीतने वाले भारत के पहले पुरुष खिलाड़ी बने थे। 
सिंगापुर सुपर सीरीज (2017) के फाइनल में उनका सामना हमवतन बी. साई प्रणीत से हुआ था। यह पहली बार हुआ था, जब बैडमिंटन के किसी रैंकिंग टूर्नामेंट में फाइनलिस्ट दोनों भारतीय थे। साई प्रणीत चैंपियन बने थे। श्रीकांत को प्रो बैडमिंटन लीग में बेंगलुरू की फ्रेंचाइजी बेंगलुरू टॉप गंस ने 80 हजार डॉलर (लगभग 51 लाख रुपए) में खरीदा था। वे एडवेंचर स्पोर्ट्स के भी शाैकीन हैं। 
अवॉर्ड्स: 
  • अर्जुन अवॉर्ड (2015) 
  • सुपर सीरीज में एक गोल्ड
  • ग्रांप्री टूर्नामेंट में तीन गोल्ड 
रिकॉर्ड्स:
  • सुपर सीरीज जीतने वाले पहले भारतीय, रैंकिंग में टॉप-5 में जगह बनाने वाले तीसरे भारतीय 
  • दुनिया के 11वें नंबर के बैडमिंटन खिलाड़ी किदांबी श्रीकांंत लगातार तीसरे सुपर सीरीज टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंचे हैं। वे ऐसा करने वाले दुनिया के पांचवें शटलर हैं।
  • उन्होंने 2014 में अपने कॅरिअर का पहला सुपर सीरीज खिताब जीता था। 

Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभार: भास्कर समाचार 
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