Tuesday, December 8, 2015

ये हुई बात: हैफेड का डीजीएम एक लाख की रिश्वत लेते हुए दबोचा

रोहतक में हैफेड के डिप्टी जीएम को राज्य चौकसी ब्यूरो ने एक लाख रुपये रिश्वत के साथ नए बस स्टैंड से रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया। आरोपी ने एक निजी कंपनी मैनेजर से सिक्योरिटी राशि और अन्य बिलों के भुगतान करने की एवज में रिश्वत की यह राशि ली थी। राज्य चौकसी ब्यूरो ने आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार
की विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज कर जांच पड़ताल शुरू कर दी है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। कुरुक्षेत्र स्थित महादेव सोलवेंट कंपनी के मैनेजर संदीप ने राज्य चौकसी ब्यूरो रोहतक कार्यालय में पहुंच कर शिकायत की। संदीप ने बताया कि हैफेड का डिप्टी जीएम अशोक कुमार उनके कंपनी की तीन लाख रुपये सिक्योरिटी के अलावा कई बिलों के भुगतान और डीओसी को लेकर परेशान कर रहा है। सिक्योरिटी राशि और बिलों का भुगतान करने की एवज में एक लाख रुपये बतौर रिश्वत मांग रहा है। शिकायत के आधार पर राज्य चौकसी ब्यूरो के पुलिस अधीक्षक ने इंस्पेक्टर जयभगवान के नेतृत्व में एक विशेष टीम का गठन किया। ड्यूटी मजिस्ट्रेट के तौर पर तहसीलदार गुलाब सिंह और गवाह के रूप में उनके सहायक को शामिल किया। ब्यूरो की टीम ने एक लाख रुपये पर पाउडर लगाकर संदीप को सौंप दिए और डिप्टी जीएम अशोक कुमार से संपर्क करने की योजना तैयार की। संदीप ने डिप्टी जीएम से फोन पर बात की तो उसने नए बस स्टैंड पर चंडीगढ़ के बूथ पर बुलाया। अशोक कुमार अपनी निजी गाड़ी से वहां पहुंचा। संदीप ने जैसे ही उसको एक लाख रुपये की राशि दी, तभी राज्य चौकसी ब्यूरो की टीम ने उसे दबोच लिया। उसके हाथ धुलवाएं तो रुपये पर लगे पाउडर से लाल हो गए। डिप्टी जीएम को गिरफ्तार करके उसके ब्यूरो लाया गया और उसके खिलाफ भ्रष्टाचार के तहत केस दर्ज कर लिया।
दो वर्ष पहले हुई थी नियुक्ति: बताया जाता है कि डिप्टी जीएम अशोक कुमार की नियुक्ति दो वर्ष पहले ही हैफेड में हुई थी। रोहतक से पहले वे कुरूक्षेत्र में तैनात थे। कंपनी के साथ रिश्वत का मामला वहीं से चला आ रहा था। यहां पर भी सिक्योरिटी राशि और अन्य बिलों के भुगतान के लिए रिश्वत मांगने लगा। कंपनी के निशाने पर आरोपी डिप्टी जीएम पहले से थे।
अपने ही जाल में फंसा आरोपी: डिप्टी जीएम अशोक कुमार ने पहले शिकायतकर्ता से रुपये लेने के लिए अपने सहायक को भेजने की बात कही थी। लेकिन बाद में उसने खुद ही बस स्टैंड पर पहुंचने की बात कही। नए बस स्टैंड पर यात्रियों की भीड़ मौजूद थी, जिसके कारण राज्य चौकसी ब्यूरो की टीम को अपना जाल बिछाने में आसानी हो गई। अगर किसी सुनसान जगह पर आरोपी रिश्वत की राशि लेने के लिए बुलाता तो वहां ब्यूरो की टीम को देखकर संदेह हो जाता और अपने बचाव के लिए हाथ-पैर मारता।

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साभारजागरण समाचार 
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