Tuesday, April 2, 2019

किसे लड़ाएं, किसे बैठाएं: हरियाणा में प्रत्याशियों को लेकर BJP सांसत में

साभार: जागरण समाचार 
हरियाणा की चार लोकसभा सीटों पर प्रत्याशियों के चयन को लेकर भाजपा में पेंच फंस गया है। रोहतक और सोनीपत लोकसभा सीटों पर पेंच फंसने का बड़ा कारण कांग्रेस से भाजपा में आए पूर्व सांसद डॉ. अरविंद शर्मा
और केंद्रीय इस्पात मंत्री चौ. बीरेंद्र सिंह हैं। भाजपा अरविंद शर्मा को रोहतक से कांग्रेस के मौजूदा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा के सामने चुनाव लड़ाना चाहती है, लेकिन उन्होंने करनाल से बाहर किसी दूसरी सीट पर चुनाव लड़ने से साफ इंकार कर दिया है।
सोनीपत और करनाल से तीन बार सांसद रह चुके अरविंद शर्मा के इस रुख से भाजपा हाईकमान की मुश्किलें बढ़ गई हैं। अब उसके लिए रोहतक में दीपेंद्र हुड्डा के सामने मजबूत प्रत्याशी का चयन जहां बड़ी चुनौती बन गई, वहीं अरविंद शर्मा का करनाल से चुनाव लड़ना तय माना जा रहा है। जातीय समीकरणों में उलझी भाजपा यदि उन्हें करनाल सीट से चुनाव नहीं लड़ा पाती, तब भी वह यहीं से ताल ठोंकेंगे। अब भाजपा को अपनी रणनीति में बदलाव करना पड़ सकता है। पार्टी करनाल में किसी पंजाबी नेता को चुनाव लड़ाने के हक में है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल की पसंद के संजय भाटिया और चंद्रप्रकाश कथूरिया हैं। केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह अपने आइएएस बेटे बृजेंद्र सिंह के लिए सोनीपत से टिकट मांग रहे हैं। भाजपा उनके बेटे की बजाय खुद बीरेंद्र सिंह को हिसार से जननायक जनता पार्टी के सांसद दुष्यंत चौटाला के मुकाबले चुनाव मैदान में उतारना चाहती है। बीरेंद्र सिंह किसी भी सूरत में अपने बेटे के लिए पैरवी कर रहे हैं। पार्टी ने सलाह दी है कि बीरेंद्र सिंह हिसार से खुद चुनाव लड़ लें और अपने बेटे बृजेंद्र सिंह को अगली बार उचाना से विधानसभा चुनाव लड़वा दें। बीरेंद्र सिंह इस पर राजी नहीं हैं।
सोनीपत के मौजूदा भाजपा सांसद रमेश कौशिक भी अब आक्रामक अंदाज में सामने आ रहे हैं। उनकी दलील है कि जब भाजपा अरविंद शर्मा को चुनाव लड़वा सकती है तो उनमें क्या खोट है। रमेश कौशिक ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के जरिये संगठन में लाबिंग शुरू कर दी है। सोनीपत में अंतरराष्ट्रीय पहलवान योगेश्वर दत्त और सीएम के मीडिया सलाहकार राजीव जैन भी टिकट मांग रहे हैं।
मनोहर सरकार में कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ और वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने के संकेत संगठन को दे दिए हैं। पार्टी की रणनीति कैप्टन को हिसार और धनखड़ को रोहतक में फिट करने की थी, लेकिन दोनों के इस रुख के बाद अब रोहतक में दीपेंद्र हुड्डा के खिलाफ सहकारिता राज्य मंत्री मनीष ग्रोवर तथा शमशेर सिंह खरकड़ा बचे हैं। इनमें दीपेंद्र के कद के हिसाब से मनीष ग्रोवर ज्यादा वजनदार साबित हो सकते हैं।
हिसार लोकसभा सीट पर चुनाव लड़वाने के लिए भाजपा के पास कुलदीप बिश्नोई का एक बड़ा विकल्प था, लेकिन कांग्रेस में गैर जाट नेता के रूप में स्थापित होने के प्रयास में जुटे कुलदीप बिश्नोई हाल फिलहाल किसी तरह का रिस्क लेने के मूड में नहीं हैं। वह हिसार से कांग्रेस के टिकट पर ही चुनाव लड़ेंगे। यहां भाजपा के पास इनेलो से हाल ही में आए रणबीर गंगवा का विकल्प खुला है, लेकिन जाटों की राजनीति के अचानक हावी हो जाने के चलते प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला ने भी हिसार में चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर कर दी है। बदले समीकरणों ने नई रणनीति तैयार करने के लिए मजबूर कर दिया है।