साभार: जागरण समाचार
रोहतक की महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (एमडीयू) की बीटेक की उत्तर पुस्तिकाओं की री-चेकिंग के नाम पर नंबर बढ़ाने के खेल का भंडाफोड़ हुआ है। बाबा मस्तनाथ विश्वविद्यालय का असिस्टेंट प्रोफेसर कॉपी चेकिंग के
नाम पर पूर्व एचओडी व कई अन्य के साथ मिलकर यह फर्जीवाड़ा कर रहा था। फेल छात्रों के नंबर बढ़ाने के नाम पर प्रति छात्र 40 से 50 हजार रुपये वसूले जा रहे थे। सीआइए-3 की टीम ने छापा मारकर तीन आरोपितों को मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया। उनसे करीब 175 उत्तर पुस्तिकाएं भी बरामद की गई हैं।
दरअसल, एमडीयू से बीटेक सिविल इंजीनियरिंग की उत्तर पुस्तिकाएं री-चेकिंग और री-इवेल्युएशन के लिए पूर्व एचओडी वीके आहूजा के पास आती हैं। वे फिलहाल जींद के जुलाना में वृह्द देवी इंस्टीट्यूट में डायरेक्टर के पद पर कार्यरत हैं। पूर्व एचओडी यह उत्तर पुस्तिकाएं आगे बाबा मस्तनाथ विश्वविद्यालय के सिविल इंजीनियरिंग विभाग में कार्यरत असिस्टेंट प्रोफेसर पवन सांगवान के पास चेकिंग के लिए देते हैं। इनके साथ सोनीपत के सिसाना गांव का रहने वाला विनीत दहिया भी शामिल रहता है, जो री-चेकिंग की उत्तर पुस्तिकाओं वाले विद्यार्थियों से संपर्क करता है और उनके नंबर बढ़ाने के नाम पर 40 से 50 हजार रुपये प्रति विद्यार्थी वसूलते हैं। उत्तर पुस्तिकाओं में अंक बढ़ाने का पूरा गोरखधंधा विनीत दहिया के ईंट बनाने वाले ऑफिस में चलता है जो बाबा मस्तनाथ विश्वविद्यालय के पास वाली गली में है। काफी समय से मिल रही सूचना के बाद सीआइए-3 की टीम ने मंगलवार शाम ऑफिस पर छापा मारकर मामले का भंड़ाफोड़ किया। पुलिस ने मौके से सेक्टर-2 के रहने वाले असिस्टेंट प्रोफेसर पवन सांगवान, फरीदाबाद के सेक्टर-55 के रहने वाले दीपक और झज्जर जिले के मातनहेल निवासी अजय को गिरफ्तार किया। दीपक और अजय उत्तर पुस्तिकाएं में नंबर बढ़वाने के लिए आए थे। फिलहाल तीनों आरोपितों से पूछताछ की जा रही है।