Thursday, March 21, 2019

समझौता एक्सप्रेस विस्फोट मामले में आरोपियों को बरी किए जाने पर पाकिस्‍तान ने जताया विरोध

साभार: जागरण समाचार 
लोकतंत्र और न्यायपालिका के हत्यारे पाकिस्तान ने भारत की निष्पक्ष न्यायिक व्यवस्था पर सवाल उठाने की कोशिश की है। समझौता एक्सप्रेस विस्फोट मामले में सभी चारों आरोपियों को बरी किए जाने पर भारतीय
उच्चायुक्त को बुलाकर विरोध दर्ज कराया है। 2007 में हुए इस विस्फोट में 68 लोगों की मौत हुई थी, जिसमें ज्यादातर पाकिस्तानी थे। हरियाणा के पंचकुला स्थित विशेष एनआइए अदालत ने बुधवार को स्वामी असीमानंद और अन्य तीन आरोपियों को बरी कर दिया है।
समझौता एक्सप्रेस विस्फोट मामले में आरोपियों को बरी किए जाने पर पाकिस्‍तान ने जताया विरोधविशेष जज जगदीप सिंह ने पाकिस्तान की एक महिला द्वारा दायर याचिका को खारिज करने के बाद यह फैसला आया। महिला ने कहा था कि इस मामले के चश्मदीदों गवाही पाकिस्तान से ही हो। पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने एक बयान जारी कर कहा कि कार्यवाहक विदेश सचिव ने भारतीय उच्चायुक्त अजय बिसारिया को बुलाकर विरोध दर्ज कराया।
सचिव ने कहा कि पाकिस्तान हमेशा से ही मामले की धीमी सुनवाई को लेकर चिंता जताता रहा था। पाकिस्तान शुरू से ही कह रहा था कि भारत इस हमले की साजिश रचने वालों को बचा रहा है। पाकिस्तान ने घटना के 11 साल बाद आरोपियों को बरी किये जाने पर भारतीय अदालतों की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठाया है। पाकिस्तान ने भारत से इस विस्फोट के साजिशकर्ताओं को न्याय के कठघरे में लाने की अपील की है।
नई दिल्ली में सरकारी सूत्रों ने बताया कि भारतीय उच्चायुक्त ने पाकिस्तान से साफ-साफ कह दिया कि मामले की सुनवाई पारदर्शी तरीके से हुई। उच्चायुक्त ने भारतीय अदालतों और न्यायिक प्रणाली की पारदर्शी तौर-तरीके के बारे में विस्तार से जानकारी दी। सूत्रों ने बताया कि उच्चायुक्त ने यह भी कहा कि गवाहों तक समन पहुंचाने से लेकर कई मामलों में पाकिस्तान ने ही सहयोग नहीं किया। सारे समन पाकिस्तान विदेश विभाग द्वारा वापस कर दिए गए।