साभार: जागरण समाचार
पाकिस्तान ने भारतीय वायु सेना के जांबाज पायलट अभिनंदन वर्तमान को बंदी बनाने के दो दिन के बाद यूं ही नहीं छोड़ दिया था। भारत ने अपने पायलट को नहीं छोड़ने पर पाकिस्तान को गंभीर परिणाम भुगतने की
चेतावनी दी थी। भारत ने साफ कर दिया था कि अगर अभिनंदन की जल्द रिहाई नहीं होती है तो वह पाकिस्तान पर मिसाइल हमला करेगा।
पाकिस्तान ने भारतीय वायु सेना के जांबाज पायलट अभिनंदन वर्तमान को बंदी बनाने के दो दिन के बाद यूं ही नहीं छोड़ दिया था। भारत ने अपने पायलट को नहीं छोड़ने पर पाकिस्तान को गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी थी। भारत ने साफ कर दिया था कि अगर अभिनंदन की जल्द रिहाई नहीं होती है तो वह पाकिस्तान पर मिसाइल हमला करेगा।
भारत ने छह मिसाइलें दागने की सख्त चेतावनी दी थी। पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए नौसेना ने भी अपनी परमाणु पनडुब्बी को अरब सागर में तैनात कर दिया था। भारत की चेतावनी के बाद सतर्क हुए अमेरिका ने अपने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार डॉन बोल्टन समेत कई अधिकारियों को दोनों देशों के बीच तनाव कम कराने के काम में लगाया था।
भारत की चेतावनी से सहम गया था पाक: नई दिल्ली, इस्लामाबाद और वाशिंगटन में राजनयिक और सरकारी सूत्रों ने बताया कि पुलवामा में आत्मघाती हमले के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया था। पाकिस्तान द्वारा भारतीय वायु सेना के पायलट अभिनंदन वर्तमान को बंदी बनाए जाने के बाद दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया। भारत ने पाकिस्तान को सख्त लहजे में चेतावनी दे दी, अगर अभिनंदन की रिहाई नहीं होती है तो वह मिसाइल हमला करेगा। भारत ने पाकिस्तान पर छह मिसाइलें दागने की चेतावनी दी थी। पाकिस्तान ने भी जवाब में तीन गुणा मिसाइलें दागने की गीदड़ भभकी दी थी।
राजनयिक प्रयासों से कम हुआ तनाव: परमाणु हथियारों से लैस दोनों पड़ोसियों के बीच युद्ध की स्थिति पैदा होने की भनक से ही अमेरिका, चीन और ब्रिटेन के सरकारी गलियारे में बेचैनी बढ़ गई। 2008 के बाद यह पहला मौका था जब भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध जैसे हालात पैदा हुए थे। अमेरिका ने अपने एनएसए बोल्टन, विदेश मंत्री माइक पोंपियो समेत कई अधिकारियों को दोनों देशों के बीच तनाव कम कराने के काम में लगाया। बोल्टन और पोंपियो भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और पाकिस्तानी अधिकारियों से लगातार संपर्क में रहे। और भी कई माध्यमों से दोनों देशों को शांत कराने की कोशिश हुई। भारत की चेतावनी और अमेरिका समेत दूसरे देशों के राजनयिक प्रयासों ने काम किया। पाकिस्तान ने अभिनंदन को सकुशल रिहा किया, जिसके बाद दोनों देशों के बीच तनाव में कमी आ सकी थी।
एक्शन मोड में थे सेना के तीनों अंग: पुलवामा आत्मघाती हमले के बाद भारत की तीनों सेनाएं एक्शन मोड में आ गई थीं। थल सेना जहां पाकिस्तान के सीजफायर उल्लंघन का मुहंतोड़ जवाब दे रही थी। वायु सेना ने पाकिस्तान के बालाकोट में जैश के आतंकी ठिकाने को निशाना बनाया। जबकि, नौसेना ने उत्तरी अरब सागर में अपनी परमाणु पनडुब्बी समेत युद्धपोत को तैनात कर दिया था।
नौसेना के अनुसार अरब सागर में उसकी भारी-भरकम तैनाती और समूचे क्षेत्र पर कड़ी निगरानी के कारण पाकिस्तानी नौसेना की गतिविधियां अरब सागर से लगे मकराना के छोटे से तटीय क्षेत्र तक ही सिमटकर रह गई थीं और उसके युद्धपोत तथा अन्य प्लेटफॉर्म अरब सागर में खुले तौर पर आने का साहस नहीं जुटा पा रहे थे।
सौदेबाजी करना चाहता था पाक: अभिनंदन के जरिये पाकिस्तान भारत के साथ सौदेबाजी करना चाहता था, लेकिन राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ के प्रमुख असीम मुनीर से साफ कह दिया था कि अपने पायलट के पकड़े जाने के बावजूद भारत आतंकवाद के खिलाफ अपने अभियान से पीछे नहीं हटेगा। पाकिस्तान के एक मंत्री और इस्लामाबाद में तैनात पश्चिमी देशों के एक राजनयिक ने भारत द्वारा मिसाइल हमले की धमकी की पुष्टि की थी।