साभार: भास्कर समाचार
इंसान स्वाभाविक रूप से नकारात्मक विचाराें वाला ही होता है। इसलिए अधिकतर लोग नकारात्मक विचारों और लोगों से घिरे रहते हैं। लेकिन जितना कम आप इन लोगों की बात पर प्रतिक्रिया करेंगे उतना ही पीसफुल
आपका जीवन होगा। इसलिए सबसे पहले यह समझना जरूरी है कि कुछ नया और बड़ा करने के लिए आपको इंसान के इस स्वभाव से ही लड़ना है। हालांकि पॉजिटिव लोगों को भी निगेटिव विचार आते हैं, लेकिन फर्क इतना होता है कि वे इन विचारों को आगे नहीं बढ़ने देते। निगेटिविटी से लड़ना इतना आसान नहीं हैै। किसी निगेटिव विचार वाले व्यक्ति से किसी बहस मंे कभी आप जीत नहीं सकते। वो आपकी वही बातें सुनते हैं जो उन्हें सूट करती हैं और सुनते भी सिर्फ इसलिए हैं कि आपकी बात पर प्रतिक्रिया दे सकें। असल में निगेटिविटी इनोवेशन और क्रिएटिविटी की राह में सबसे बड़ी बाधा होती है। सकारात्मक बने रहने का एक सबसे अच्छा तरीका अलबर्ट आइंस्टीन ने बताया है। वे कहते हैं, अपने जीवन को किसी उद्देश्य में लगाइए, लोगों या कुछ चीजों में नहीं। नकारात्मक लोगों को अपना विचार समझाने में समय जाया मत कीजिए।