तनाव सभीको प्रभावित करता है। बच्चे को अनुशासित करने का तनाव हो या काम की अधिकता और फाइनेंस मैनेज करने का। कुलमिलाकर तनाव सभी जगह है। कहीं ज्यादा, तो कहीं कम। यह मानसिक और शारीरिक
दोनों तरीके से प्रभावित भी करता है। तनाव को नियंत्रित करने का पहला कदम है, इसके लक्षणों को समझना। हालांकि लक्षणों को पहचानना आसान नहीं है। अधिकतर लोग इतना ज्यादा तनाव में रहते हैं कि पता ही नहीं होता कि तनाव है। दरअसल स्ट्रेस नुकसान के प्रति शरीर की प्रतिक्रिया है। जैसे ही आपको नुकसान का एहसास होता है, आप खुद को नुकसान से बचाने के लिए प्रतिक्रिया करते हैं। इस दौरान एक केमिकल रिएक्शन भी शरीर में होता है। स्ट्रेस के प्रति जब आप प्रतिक्रिया करते हैं तो इससे दिल की धड़कनें बढ़ जाती हैं और मसल्स टाइट होने लगते हैं। सांसें भी तेज चलने लगती हैं। ब्लड प्रेशर भी बढ़ता है। इस तरह आप तनाव के प्रति रिएक्शन के लिए तैयार हो जाते हैं। हालांकि तनाव का मतलब अलग-अलग लोगों के लिए अलग है। जिस बात पर किसी को तनाव हो रहा है दूसरे के लिए वह राहत देने वाली भी हो सकती है। इसी तरह कुछ लोग अन्य के मुकाबले तनाव को सहने में ज्यादा सक्षम हो सकते हैं।Disclaimer: हमारे इस वेबपेज पर सभी समाचार विश्वसनीय स्रोतों से लेकर प्रकाशित किए जाते हैं। परन्तु फिर भी किसी गलत सूचना के लिए हम उत्तरदायी नहीं हैं। पाठकगण समाचारों व सूचनाओं की पुष्टि अपने स्तर पर कर लें।