साभार: भास्कर समाचार
राज्य शैक्षिक अनुसंधान प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) प्रदेश के सरकारी स्कूलों में इंफारमेशन एंड कम्यूनिकेशन टेक्नलॉजी (आईसीटी) का शिक्षण-प्रशिक्षण पर प्रभाव जानने के लिए 1-15 सितंबर तक सर्वे
कराएगी। सर्वें के दौरान टीचरों, छात्रों और स्कूल स्तर पर आईसीटी शिक्षा के बारे में जानकारी ली जा सके। प्रदेश के 21 जिले में सेम्पल के रुप में 20-20 स्कूल को शामिल किया गया है। एससीईआरटी की निदेशक डॉ. किरणमयी ने बताया कि सरकारी स्कूलों में आईसीटी शिक्षा देने के कम्प्यूटर लैब बनाए गए हैं। इसके अलावा एजुसेट और डीटीएच की भी सुविधा उपलब्ध कराई गई है। ऐसे में इन माध्यम से छात्रों को आईसीटी का कितना लाभ मिल रहा है ,इसकी जानकारी के लिए सर्वे कराया जा रहा है। उन्होंने बताया कि एससीईआरटी ने दो साल में करीब तीन हजार टीचरों को आईसीटी का प्रशिक्षण दे चुकी है। ऐसे में अब एससीईआरटी ict@school पर सर्वे कराने जा रही है। एससीईआरटी में एजुकेशन टेक्नोलाजी विंग के विषय विशेषज्ञ मनोज कौशिक ने बताया कि एमएचआरडी और राज्य सरकार की ओर से स्कूलों में आईसीटी लैब बनाए गए है। इससे छात्रों को आईटी और कम्प्यूटर शिक्षा उपलब्ध कराई जा रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में करीब तीस हजार ऐसे स्कूल हैं,जहां पर ict@school योजना चल रही है। ऐसे में एससीईआरटी यह जानने का प्रयास कर रही है कि आईसीटी का शिक्षण कार्य पर कितना प्रभाव पड़ा। उन्होंने बताया कि आईसीटी स्कूल सर्वे के तहत टीम जानने का प्रयास करेगी कि स्कूल का माहौल कितना आईसीटी के लिए उपयुक्त है। मनोज ने बताया कि दो साल में 3314 टीचरों को रमसा के तहत आईसीटी का प्रशिक्षण दिया जा चुकाहै। ऐसे में सर्वे के दौरान आईसीटी संबंधित जानकारी भी टीचरों से ली जाएगी। जिससे स्कूलों में आईसीटी का प्रभाव और चुनौतियों के बारे में जानकारी मिल सके। इसी आधार पर भविष्य में इसमें सुधार किया जा सकेगा। विंग की प्रभारी पूनम भारद्वाज ने बताया कि एजुकेशन टेक्नोलाजी विंग शिक्षा में तकनीक के प्रयोग पर लगातार बल दे रही है। इकसे लिए नवाचार का प्रयोग किया जा रहा है। इसी को देखते हुए डायट की ईटी विंग को भी मजबूत किया जा रहा है। मूल्यांकन विंग के प्रभारी सुरेन्द्र सिंह सिंधू ने बताया कि टीचर ट्रेनिंग को भी आईसीटी जोड़ा जा रहा है। इसी को ध्यान में रखकर रिजल्ट आधारित ट्रेनिंग लागू की जा रही है। उन्होंने बताया कि टीचरों को क्लास रुप में आईसीटी आधारित देने का जोर है। जिससे की शिक्षण कार्य को प्रभावी बनाया जा सके।