Wednesday, September 13, 2017

HCS ज्युडीशियल का पेपर लीक मामला किसी दूसरे हाईकोर्ट में सुने जाने की मांग सुप्रीम कोर्ट में खारिज

हरियाणा सिविल सर्विसिस (एचसीएस) ज्युडीशियल का पेपर लीक होने के आरोपों से जुड़े मामले की सुनवाई पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट से किसी दूसरे हाईकोर्ट अथवा दिल्ली हाईकोर्ट में कराए जाने की मांग संबंधी
याचिका मंगलवार को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने वापस लिए जाने के बाद खारिज कर दी। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस डॉ. डी वाई चंद्रचूड़ सिंह की बेंच ने कहा कि याची अपनी दलीलें हाईकोर्ट के समक्ष ही रखे। याचिका पर फैसला होने के बाद सुप्रीम कोर्ट में दस्तक दी जा सकती है। इस पर याचिका वापस लिए जाने की मांग की गई जिसे स्वीकार करते हुए बेंच ने याचिका खारिज कर दी। याचिका में कहा गया कि मामले की इन हाउस इंक्वायरी प्रभावित होने की संभावना है। रिक्रूटमेंट कमेटी को हेड हाईकोर्ट का जज ही करता है। ऐसे में निष्पक्ष जांच प्रभावित हो सकती है। इसके अलावा जिस तरह केस की सुनवाई सिंगल जज से लेकर फुल बेंच को दी गई, वह कोई बेहतर संदेश नहीं देता। सिंगल जज केस की तह तक पहुंच चुके थे। ऐसे में सुनवाई प्रभावित होने की आशंका है। 
109 पदों के लिए मांगे थे आवेदन 
हरियाणा सरकार ने 20 मार्च 2017 को विज्ञापन देकर 109 एचसीएस ज्यूडिशियल पदों के लिए आवेदन मांगे थे। 16 जुलाई को लिखित परीक्षा का आयोजन किया गया था। इसके बाद अब रिजल्ट घोषित किया जाना बाकी था। 

ये था मामला: याचीके अनुसार डेढ़ करोड़ में पेपर बिक रहा था और इसकी उसे भी पेशकश की गई थी। परीक्षा की तैयारी के लिए याची ने एक कोचिंग सेंटर ज्वाइन किया। सेंटर में उसकी दोस्ती सुशीला से हुई। सुशीला से लेक्चर से जुड़ी ऑडियो क्लिप मांगी, जो ऑडियो क्लिप उसे दी गई, उसमें सुशीला किसी दूसरी लड़की सुनीता से बात कर रही थी और डेढ़ करोड़ में नियुक्ति की बात हो रही थी। सुशीला ने याची को 6 सवाल भी बताए जो परीक्षा में आने थे। 16 जुलाई को हुई परीक्षा में जैसे ही याची ने प्रश्नपत्र देखा तो वह हैरान रह गई कि जो प्रश्न बताए गए थे वे सभी परीक्षा में आए हुए थे।