साभार: भास्कर समाचार
2015 में हरियाणा गौ वंश संरक्षण एंड गौ संवर्धन एक्ट बनने के बाद राज्य से कितनी गाय दूसरे राज्यों में एक्सपोर्ट की गई और इनमें से कितनी जिंदा हैं। हाईकोर्ट ने यह जानकारी हरियाणा सरकार से मांगी है। गौ
तस्करी को रोके जाने की मांग संबंधी जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि नए एक्ट के तहत गायों का संरक्षण किया जाना चाहिए था, लेकिन ऐसा हुआ या नहीं यह राज्य सरकार बताए। मामले पर 4 अक्टूबर के लिए सुनवाई तय की गई है। जस्टिस अजय कुमार मित्तल जस्टिस अमित रावल की खंडपीठ ने कहा कि सरकार ने इस बारे में सही जवाब नहीं दिया तो फिर कोर्ट कमिश्नर नियुक्त करके इसकी जांच कराई जाएगी। गौ तस्करी रोकने के लिए कुरुक्षेत्र निवासी रेणुका चोपड़ा की तरफ से जनहित याचिका दायर कर गौ तस्करी रोकने और जहां पर गाय काटी जाती हैं वहां के लिए गौ ले जाने का परमिट बनाने की अपील की थी। हाईकोर्ट ने स्वयं संज्ञान भी ले लिया था। मंगलवार को सुनवाई के दौरान रेणुका चोपड़ा ने कहा कि नए एक्ट में एसडीएम अथवा एसएचओ को कंपीटेंट अथारिटी मानते हुए गौ तस्करी वाले वाहन को रिलीज करने की पावर दी गई है। इससे गौ वंश को समाप्त करने का काम आसान कर दिया गया है। खंडपीठ ने माना कि याची की दलील सही है। रेणुका ने कहा कि गौ तस्करी को लेकर जो उन्होंने शिकायतें दी हैं उसके आरोपी खुलेआम घूम रहे हैं। गौ शालाओं में गौ वंश भूखा मर रहा है और गौशालाओं को केवल दुधारू गाय के लिए रखा गया है। इस प्रकार की गौशालाओं से बड़ी संख्या में गाय दूसरे राज्यों में कटने के लिए भेज दी जाती है। पुलिस के सामने आरोपियों के बयान तक मौजूद हैं जिसमें एक गौशाला संचालक ने गुस्से में गौ वंश उत्तर प्रदेश से आए कुछ लोगों को सौंपने की बात स्वीकार की है।