साभार: भास्कर समाचार
वर्ष 1948 में शाह मस्ताना जी महाराज द्वारा बसाया गया डेरा सच्चा सौदा में उनके अनुयायियों की आस्था पहले की तरह बरकरार है। जैसे ही बेगू रोड से
कर्फ्यू हटा उससे अगले दिन से ही शाह मस्ताना जी के वचनों पर चलने वाली संगत ने उनके बसाए डेरे में कदम रखा और माथा टेका। वहीं साध्वी से दुष्कर्म करने वाले गुरमीत सिंह का शाही आश्रम अब संगत के लिए तरस रहा है। उसके सभी शाही दरवाजे बंद पड़े हैं। अपनी शाही चकाचौंध से सबको आकर्षित करने वाले नए डेरे से संगत ने किनारा कर रखा है।
अब उस डेरे में कोई संगत नहीं जा रही है। 700 एकड़ भूमि में बना राम रहीम का आलीशान डेरा अब वीरान हो गया है। उसके चारों सुरक्षा बल के जवान 16 नाके लगाए हुए हैं। हालांकि अब डेरा की तरफ जाने वाले किसी भी व्यक्ति को रोका नहीं जा रहा है। उसके बावजूद भी कोई भी प्रेमी परिवार वहां नहीं जा रहा है। शाह मस्ताना और शाह सतनाम सिंह महाराज के वचनों पर चलने वाले डेरा प्रेमी कहते हैं कि वे पहले भी पुराने डेरे में जाते थे और अब भी जाते हैं। शाह मस्ताना जी की गद्दी से उनका जुड़ाव है। इसलिए वे नए डेरे में भी जाते रहे हैं। मगर उनका मकसद केवल अपने मालिक का नाम लेना था। वे डेरे की चकाचौंध पहले भी दूर थे और अब भी दूर हैं।
शाह मस्ताना जी के पुराने आश्रम में बुधवार और गुरुवार को संगत माथा टेकते और नाम जपते देखी गई। बुधवार को करीब 700 से अधिक प्रेमी अपने सतगुरु मस्ताना और सतनाम सिंह के धाम पहुंचे। वहीं गुरुवार को संगत की संख्या एक हजार से अधिक पार कर गई। पुराने डेरे में पहले की तरह अब भी संगत ने आना जाना शुरू कर दिया है। वहां बैठकर संगत अपने गुरुदेव के नाम जप रही है। डेरे में आने वाले सभी शहर के ही लोग है। बाहर का कोई नहीं है। पुराना डेरे के पास भी सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस और पैरामिलिट्री फोर्स तैनात है। इसके अलावा पुराने डेरे की मार्केट भी पूरी खुल गई है। लोग अपनी जरूरत की चीजें खरीद रहे हैं। पुराना डेरा के प्रबंधकों की ओर से भी सुरक्षा में पूरा सहयोग किया जा रहा है।
वर्ष 1948 में शाह मस्ताना जी महाराज द्वारा बसाया गया डेरा सच्चा सौदा में उनके अनुयायियों की आस्था पहले की तरह बरकरार है। जैसे ही बेगू रोड से
कर्फ्यू हटा उससे अगले दिन से ही शाह मस्ताना जी के वचनों पर चलने वाली संगत ने उनके बसाए डेरे में कदम रखा और माथा टेका। वहीं साध्वी से दुष्कर्म करने वाले गुरमीत सिंह का शाही आश्रम अब संगत के लिए तरस रहा है। उसके सभी शाही दरवाजे बंद पड़े हैं। अपनी शाही चकाचौंध से सबको आकर्षित करने वाले नए डेरे से संगत ने किनारा कर रखा है।
अब उस डेरे में कोई संगत नहीं जा रही है। 700 एकड़ भूमि में बना राम रहीम का आलीशान डेरा अब वीरान हो गया है। उसके चारों सुरक्षा बल के जवान 16 नाके लगाए हुए हैं। हालांकि अब डेरा की तरफ जाने वाले किसी भी व्यक्ति को रोका नहीं जा रहा है। उसके बावजूद भी कोई भी प्रेमी परिवार वहां नहीं जा रहा है। शाह मस्ताना और शाह सतनाम सिंह महाराज के वचनों पर चलने वाले डेरा प्रेमी कहते हैं कि वे पहले भी पुराने डेरे में जाते थे और अब भी जाते हैं। शाह मस्ताना जी की गद्दी से उनका जुड़ाव है। इसलिए वे नए डेरे में भी जाते रहे हैं। मगर उनका मकसद केवल अपने मालिक का नाम लेना था। वे डेरे की चकाचौंध पहले भी दूर थे और अब भी दूर हैं।
शाह मस्ताना जी के पुराने आश्रम में बुधवार और गुरुवार को संगत माथा टेकते और नाम जपते देखी गई। बुधवार को करीब 700 से अधिक प्रेमी अपने सतगुरु मस्ताना और सतनाम सिंह के धाम पहुंचे। वहीं गुरुवार को संगत की संख्या एक हजार से अधिक पार कर गई। पुराने डेरे में पहले की तरह अब भी संगत ने आना जाना शुरू कर दिया है। वहां बैठकर संगत अपने गुरुदेव के नाम जप रही है। डेरे में आने वाले सभी शहर के ही लोग है। बाहर का कोई नहीं है। पुराना डेरे के पास भी सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस और पैरामिलिट्री फोर्स तैनात है। इसके अलावा पुराने डेरे की मार्केट भी पूरी खुल गई है। लोग अपनी जरूरत की चीजें खरीद रहे हैं। पुराना डेरा के प्रबंधकों की ओर से भी सुरक्षा में पूरा सहयोग किया जा रहा है।