Saturday, September 2, 2017

नीट के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट तक गई थी दलित लड़की; मेडिकल में दाखिला नहीं मिला तो किया सुसाइड

साभार: भास्कर समाचार 
मेडिकल कॉलेज में दाखिला नहीं होने पर तमिलनाडु के अरियालुर में एक दलित छात्रा ने अात्महत्या कर ली। उसने सुप्रीम कोर्ट में प्रतिवादी के तौर पर कहा था कि तमिलनाडु के लिए नीट अनिवार्य किया जाए। हालांकि,
राज्य को पिछले साल नीट से दी गई छूट को इस साल बढ़ाने से सुप्रीम काेर्ट ने इनकार कर दिया। 17 साल की छात्रा एस अनीता शुक्रवार को अपने घर में फंदे से लटकी मिली। अनीता के पिता दिहाड़ी मजदूरी करते हैं। उसने राज्य बोर्ड के सिलेबस से पढ़ाई कर 12वीं में 98% अंक हासिल किए थे। मेडिसिन के लिए 196.75 और इंजीनियरिंग के लिए 199.75 के कट ऑफ अंक हासिल किए थे। लेकिन नीट में 700 में से सिर्फ 86 अंक ही मिले। इसके पीछे दलील दी जाती है कि नीट पूरी तरह सीबीएसई के सिलेबस पर ही आधारित है। राज्य सरकार का रुख भी यही था कि नीट से सीबीएसई का सिलेबस पढ़ने वाले बच्चों को ही फायदा होता है। दक्षिण के सुपरस्टार रजनीकांत और कमल हासन ने भी ट्वीट कर अनीता के इस कदम पर दुख जताया है।