Sunday, September 10, 2017

पंचकूला में हिंसा भड़काने पर 45 सदस्यीय टीम कर रही थी काम, 5 करोड़ रुपए लाने वाले और बांटने वाले दो आरोपी पकड़े

साभार: भास्कर समाचार
डेरा सच्चा सौदा मुखी को 25 अगस्त को दोषी ठहरा दिया जाता है तो हरियाणा के पंचकूला में कैसे दंगा करवाना है इसकी प्लानिंग 45 सदस्यीय कमेटी कर रही थी। यह कमेटी पहले से ही पंचकूला और आसपास के एरिया में
डेरा जमा चुकी थी। इस कमेटी में दान सिंह और चमकौर अहम रोल निभा रहे थे। फंडिंग अरेंज करवाने से लेकर उसे बंटवाने का काम दान सिंह और चमकौर का था। एसीपी मुकेश मल्होत्रा की एसआईटी ने शुक्रवार को इन दोनों को गिरफ्तार किया था। शनिवार को इन्हें कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने दोनों को 10 दिनों के पुलिस रिमांड पर भेजा है। इसी एसआईटी ने शनिवार रात को रेड कर एक अन्य आरोपी गोविंद को भी गिरफ्तार किया है। दूसरी तरफ पंचकूला पुलिस की एक और एसआईटी ने डेरा प्रमुख के गनमैन रहे और कोर्ट से उसे भगाने की साजिश में शामिल कर्मजीत सिंह को गिरफ्तार किया है। वह पंजाब पुलिस का मुलाजिम है। उसे चार दिन के पुलिस रिमांड पर भेजा गया है। कोर्ट में इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर ने कहा कि दान सिंह और चमकौर डेरे में अहम जिम्मेदारी संभालते हैं। दोनों को साजिश की पूरी जानकारी थी। इनके साथी राजस्थान, हिमाचल प्रदेश में हैं। उनके लिंक यही बता सकते हैं इसलिए रिमांड चाहिए। बचाव पक्ष के वकील ने कहा, ये लोग जहां भी आरोपियों को लेकर जाएं उसका सबूत भी साथ लेकर आएं। कोर्ट ने दोनों को 10 दिन के रिमांड पर भेजा है। बाबा को भगाने की और पंचकूला में दंगा भड़काने की साजिश में हनीप्रीत के खिलाफ भी केस दर्ज है। 
  1. दान सिंह - दंगा भड़काने के लिए सिरसा डेरे से 5 करोड़ लेकर आया: 1995 में डेरा सच्चा सौदा ज्वाइन किया और कई अहम पदों पर रहा। 2007 में उसे डेरे का लीगल सेल इंचार्ज बना दिया गया। दान सिंह ही तय करता था कि बाबा के सारे केसों में क्या, कब और कैसे करना है। 25 अगस्त से पहले ही दान सिंह पंचकूला में दंगे की साजिश पर काम कर रहा था। वही सिरसा से पंचकूला में 5 करोड़ रुपए लेकर आया था। उसने ही ढकौली, पंचकूला एरिया में 45 मेंबरी कमेटी से मीटिंग कर रुपए समर्थकों तक पहुंचाने का प्लान बनाया था। 
  2. चमकौर सिंह - पंचकूला में समर्थकों के बीच रकम बंटवाई: 2004 में उसे पंचकूला जिला प्रधान बनाया गया था। उसके कहने पर पंचकूला और आसपास के एरिया में काम होता था। सेक्टर-23 में डेरे के नामचर्चा घर को बनवाने और इंतजाम करने की जिम्मेदारी चमकौर पर ही थी। उसने ही पंचकूला में पूरी साजिश के तहत समर्थकों के बीच रकम बंटवाई। समर्थकों को तय जगह पर पहुंचाया। दानसिंह, चमकौर और सुरेंद्र इंसा लोकल हैं। इन्हें पता था कि कहां समर्थकों की भीड़ को पहुंचाना सही रहेगा और दंगा भड़काने में आसानी होगी।
  3. गोविंद: भीड़ को मैनेज कर रहा था, जो पांच लोग सेक्टर 2/4 के पॉइंट पर थे, उनमें से ही एक: गोविंद सेक्टर-23 स्थित नामचर्चा घर से लेकर पंचकूला में फैली भीड़ को मैनेज करने का काम कर रहा था। 25 अगस्त को जब पंचकूला में दंगा करवाने की साजिश को अंजाम दिया जाने लगा, नारेबाजी करके भीड़ को भड़काया गया तो उस दौरान गोविंद भी मौजूद था और पूरी साजिश में शामिल था। रविवार को उसे ड्यूटी मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जाएगा। 

बचाव पक्ष ने मांगी एफआईआर की कॉपी: बचाव पक्ष के वकील ने कोर्ट में कहा कि उन्हें अभी तक इस पूरे मामले की एफआईआर की कॉपी ही नहीं मिली है। पुलिस ने कहा, ये तो ऑनलाइन मिल जाएगी, लेकिन वकील ने मना किया। इसके बाद कोर्ट ने पुलिस को एफआईआर की कॉपी देने के लिए कहा। पुलिस ने कोर्ट के बाहर एफआईआर की कॉपी भी दे दी।