Saturday, September 2, 2017

बायोटेक्नोलॉजी के क्षेत्र में हर साल 3 लाख से ज्यादा नौकरियों के अवसर

साभार: भास्कर समाचार 
बायोलॉजी और टेक्नोलॉजी के सम्मिलित रूप को बायोटेक्नोलॉजी कहा जाता है। यह साइंस की ब्रांच है, जिसमें विषयों की भरपूर विविधता देखने को मिलती है। इसमें जेनेटिक्स, बायोकेमिस्ट्री, माइक्रोबायोलॉजी, इम्युनोलॉजी, वायरोलॉजी, केमिस्ट्री और इंजीनियरिंग के साथ मेडिकल हेल्थ साइंसेस विषय भी शामिल हैं। इसका उपयोग सेल बायोलॉजी से लेकर, क्रॉप मैनेजमेंट, क्रॉपिंग सिस्टम, हसबेंड्री, बायो स्टैटिस्टिक्स और सॉइल कंजर्वेशन जैसे क्षेत्रों तक में भी होता है। हाल के वर्षों में तकनीक के विस्तार से इस इंडस्ट्री में तेजी देखने को मिली है। इसके कारण इसमें प्रोफेशनल की मांग भी बढ़ी है। एक रिपोर्ट के अनुसार इस क्षेत्र में 2020 तक सालाना 3 लाख से ज्यादा नौकरियों के अवसर होंगे। 
देश की बायोटेक इंडस्ट्री 2015 में करीब 7 अरब डॉलर की थी जो सालाना 30 फीसदी की दर से बढ़कर 2025 तक करीब 100 अरब डॉलर की हो जाएगी। दुनिया के शीर्ष 12 बायोटेक बाजार में से एक भारत भी है। देश की बायोटेक इंडस्ट्री की विश्वभर के बायोटेक इंडस्ट्री बाजार में 2 फीसदी हिस्सेदारी है। देश की बायोटेक्नोलॉजी इंडस्ट्री में करीब 800 कंपनियां हैं। इसकी कमाई में सबसे बड़ी हिस्सेदारी बायोफार्मा और बायोसर्विसेस की है। वहीं केंद्र सरकार के साथ-साथ विभिन्न राज्यों द्वारा भी इंडस्ट्री के विकास के लिए योजनाएं चलाई जा रही हैं। इससे इस क्षेत्र में जॉब के नए अवसर बनेंगे। 
बायोटेक्नोलॉजी के क्षेत्र में कई प्रकार के काम होते हैं। इसमें विभिन्न प्रकार की दवाइयां, वैक्सीन, उत्पादन क्षमता बढ़ाना, एनर्जी प्रोडक्शन और कंजर्वेशन आदि का काम किया जाता है। इसका उपयोग एनिमल ब्रीडिंग और एनिमल हसबेंड्री में भी किया जाता है। बायोटेक्नोलॉजिस्ट का काम लिविंग ऑर्गनिज़्म या उत्पादों को विकसित करना और इसका उपयोग कर स्वास्थ्य और वातावरण को बेहतर बनाना है। 
साइंस बैकग्राउंड वाले बना सकते हैं कॅरिअर: फिजिक्स,केमिस्ट्री और बायोलॉजी या मैथ्स से बारहवीं करने वाले छात्र बायोटेक्नोलॉजी से संबंधित कोर्स में प्रवेश ले सकते हैं। बैचलर स्तर पर बायोटेक्नोलॉजी के बीएससी, बीटेक और बीई कोर्स कराए जाते हैं। इसके बीई या बीटेक कोर्स में प्रवेश के लिए जेईई मेन का वैलिड स्कोर जरूरी होता है। इसके अलावा छात्र इसके बीएससी कोर्स में भी प्रवेश ले सकते हैं। इसमें प्रवेश के लिए संस्थानों द्वारा खुद का एंट्रेंस टेस्ट आयोजित करवाया जाता है। अधिकांश संस्थानों में प्रवेश के लिए 12वीं में कम से कम 50 फीसदी अंक जरूरी होते हैं। बायोलॉजिकल साइंस से संबंधित विषयों जैसे बायोकेमिस्ट्री, बायोलॉजी, बॉटनी, केमिस्ट्री, माइक्रोबायोलॉजी, फार्मेसी, वेटरिनरी साइंस या जूलॉजी से बैचलर डिग्री करने वाले छात्र बायोटेक्नोलॉजी के मास्टर डिग्री में प्रवेश के योग्य हैं। पोस्टग्रेजुएट स्तर पर इसके एमटेक और एमएससी कोर्स कराए जाते हैं। रिसर्च या एकेडमिक्स के क्षेत्र में कॅरिअर बनाने के लिए छात्र इसका पीएचडी कोर्स भी कर सकते हैं। 
रिसर्च लैब में जॉब की अच्छी संभावनाएंबायोटेक्नोलॉजिस्ट फार्मास्युटिकल कंपनियों, केमिकल इंडस्ट्री, एग्रीकल्चर, और इससे संबंधित इंडस्ट्री में काम कर सकते हैं। उनके लिए एग्रीकल्चर और एग्रो प्रोसेसिंग सेक्टर में भी नौकरियों के अवसर हैं। ये प्रोफेशनल बायो प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में प्लानिंग, प्रोडक्शन और मैनेजमेंट के क्षेत्र में जॉब कर सकते हैं। हालांकि इसमें जॉब की ज्यादा संभावनाएं सरकारी और प्राइवेट लैबोरेटरीज में होती हैं। इसके अलावा बायोटेक से संबंधित कंपनियां जैसे फूड मैन्यफैक्चरर और एक्वाकल्चर आदि में नौकरी कर सकते हैं। 
शुरुआत में ही 20-25 हजार रुपए प्रति माह का पैकेज: बायोटेक इंडस्ट्री में प्रोफेशनल की मांग पिछले कुछ वर्षों मंे ही तेजी से बढ़ी है। इसमें फ्रेशर को 20 से 25 हजार रुपए प्रति माह की सैलरी मिलने की संभावना होती है। हालांकि बड़े संस्थानों से पासआउट छात्रों को शुरुआत में ही अच्छा पैकेज मिलता है। आईआईटी जैसे संस्थानों से पास होने के बाद छात्रों को 60 से 80 हजार रुपए प्रति माह का शुरुआती पैकेज मिल सकता है। शिक्षण संस्थानों में काम करने वालों को भी शुरुआत में ही 30 से 35 हजार रुपए प्रति माह की सैलरी मिलने की संभावना होती है।