साभार: जागरण समाचार
विशेष जांच टीम (एसआइटी) की ओर से बंद किये गए 1984 के सिख विरोधी दंगों के 199 मामलों की समीक्षा अब सुप्रीम कोर्ट के दो सेवानिवृत्त न्यायाधीश करेंगे। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने मामलों की समीक्षा के लिए
सेवानिवृत्त न्यायाधीश जेएम पंचाल और केएस राधाकृष्णन की दो सदस्यीय समिति गठित कर दी। यह समिति पांच सितंबर से अपना काम शुरू कर देगी। समिति तीन महीने में सुप्रीम कोर्ट को रिपोर्ट सौंपते हुए बताएगी कि इन मामलों को बंद करने का एसआइटी का निर्णय सही था या नहीं।सुप्रीम कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए छह दिसंबर की तिथि तय करते हुए निर्देश दिया कि 199 मामलों का जो रिकार्ड कोर्ट में सीलबंद लिफाफे में दाखिल किया गया था, वह समिति को भी मुहैया कराया जाएगा। बता दें कि इस बात पर पिछली सुनवाई में ही सहमति बन गई थी कि एसआइटी के बंद किये 199 मामलों की समीक्षा सुप्रीम कोर्ट के दो सेवानिवृत्त न्यायाधीशों से कराई जानी चाहिए। दो अगस्त को केंद्र सरकार ने 199 मामलों की फाइल की फोटो कापी सीलबंद कवर में सुप्रीम कोर्ट को सौंपी थी। इससे पहले गत मार्च में सरकार ने कोर्ट के आदेश पर 1984 के दंगों की एसआइटी द्वारा की जा रही जांच की रिपोर्ट दाखिल की थी और उसमें मामलों का ब्योरा दिया था।
दिल्ली सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी के सदस्य गुरुदयाल सिंह कहलों ने सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की है जिस पर यह सुनवाई चल रही है। याचिकाकर्ता के वकील ने मार्च में कहा था कि दंगा जांच के लिए गठित एसआइटी ने कुल 293 मामलों की जांच की और उनमें से 199 को बंद करने का फैसला किया है।