पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने कंप्यूटर इंस्ट्रक्टर और लैब सहायकों को समय-समय पर सेवा विस्तार देने पर कड़ा रुख अपनाते हुए हरियाणा सरकार से पूछा है कि वह चार सप्ताह के भीतर हलफनामा दायर कर कोर्ट को
यह बताए कि वह नियमित भर्ती कब कर रही है। हाईकोर्ट ने कहा कि यह कब तक चलता रहेगा कि आप ठेके पर रखकर समय-समय पर उनको सेवा विस्तार देते रहेंगे। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। गौरतलब है कि हटाए गए कंप्यूटर इंस्ट्रक्टर और लैब सहायकों ने हरियाणा सरकार द्वारा नए सिरे से ठेके के आधार पर भर्ती किए जाने के आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। याचिकाओं में अनुबंध आधार पर की जाने वाली भर्ती पर रोक लगाने की मांग की गई थी। विरोधी पक्ष के वकील ने कम्प्यूटर इंस्ट्रक्टर व लैब सहायकों की याचिका का विरोध करते हुए हाई कोर्ट से 6672 पदों की भर्ती पर रोक न लगाने की मांग की थी। इसके अलावा एक अन्य याचिका में सरकार द्वारा हटाए गए कंप्यूटर टीचरों को दोबारा रखने को चुनौती दी थी। याची ने आरोप लगाया था कि सरकार ठेके पर जो कंप्यूटर टीचर लगा रही है उनमें योग्यता का नजरअंदाज किया जा रहा है। याचिका के अनुसार हरियाणा सरकार ने स्कूलों में कंप्यूटर शिक्षा देने के लिए राज्य में तीन प्राइवेट कंपनी को ठेके अलॉट किए थे। मगर सरकार ने 2013 में ठेका रद कर दिया था क्योंकि कंपनी कंप्यूटर शिक्षा के लिए योग्य टीचर व उससे ज़ुड़ी सुविधा देने में नाकाम रही थी। बाद में यह मामला आर्बिटेटर के पास भी गया। कंपनियों ने ठेके पर लगाए गए टीचरों का वेतन भी कई माह से जारी नहीं किया था। वर्तमान सरकार ने इन टीचर को हटाकर नए तरीके से टीचर रखने का फैसला लिया था, क्योंकि ये टीचर योग्यता पूरी नहीं करते। याचिका में आरोप है कि सरकार ने पिछले दिनों इन टीचर को सेवा विस्तार दे दिया, जबकि पूरी योग्यता होने के बावजूद याची को नियुक्ति नहीं दी गई।
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साभार: जागरण समाचार
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