मिड-डे-मील में गुणवत्ता सुधारने के लिए अब बड़े स्कूलों में रोटियां पकाने के लिए मशीन मंगवाई जाएगी। यह कार्य ट्रायल के तौर पर किया जाएगा। अगर मशीन से रोटियां पकाने का ट्रायल कामयाब रहा तो इसे सभी
स्कूलों में लागू किया जाएगा। वहीं मिड-डे मील में गुणवत्ता सुधारने के लिए अधिकारियों व कर्मचारियों को निर्देश दिए है। ये आदेश फतेहाबाद के उपायुक्त डॉ. जेके आभीर ने अधिकारियों को बैठक लेते हुए दिए। निर्देश दिए कि रोटी बनाने की मशीन के बजट, उसकी उपलब्धता और उसकी प्रफोर्मेंस की पूर्ण जानकारी लेकर इसके लिए प्रस्ताव बनाए ताकि इस मशीन को खरीदा जा सके। इसके अलावा उन्होंने खाद्य आपूíत और एफसीआइ विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे स्कूलों में मिड डे मील के लिए चावल, गेहूं और गैस की आपूíत समय रहते करें ताकि बच्चों को भोजन लेने में किसी प्रकार की कोई दिक्कत न आए।
पांच सदस्य कमेटी करेगी निरीक्षण: बैठक के दौरान डीसी ने आदेश दिए कि भोजन की जांच के लिए पांच सदस्यीय कमेटी का गठन किया जाए। जिला स्तर पर यह जांच दल गठित होगा और हर माह प्रत्येक खंड के दो स्कूलों के मिड डे मील की जांच करेगा। उन्होंने कहा कि इसके अलावा वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों के प्राचार्य भी लगातार निगरानी रखे और एक दूसरे स्कूल की क्रॉस चेकिंग भी करें। खंड शिक्षा अधिकारी भी मिड डे मील के भोजन की जांच कर अपनी रिपोर्ट दें। खंड शिक्षा अधिकारी आपूíत और उसकी गुणवत्ता को भी जांचें।
हर स्कूल में पहुंचे गैस सिलेंडर: उपायुक्त ने सभी अधिकारियों से कहा कि अगर एजेंसी और स्कूलों में आपूíत होने में किसी प्रकार की दिक्कत है तो इसके लिए डीएफएससी नोडल ऑफिसर है। नोडल ऑफिसर मांग और आपूíत के अनुसार स्कूलों और एजेंसियों के बीच तालमेल बनाए। उन्होंने सभी शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे खाने में गुणवत्ता को बरकरार रखे और इसका रिकॉर्ड भी अपडेट करे। स्कूलों में ठेकेदारों के माध्यम से बनाई गई 59 कीचन-कम-स्टोर का निरीक्षण करे और अगर उनमें कहीं कमी पाई जाती है तो उसकी विस्तृत रिपोर्ट भी तैयार की जाए।
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साभार: जागरण समाचार
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