फेडरेशन ऑफ प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने शिक्षा बोर्ड से मांग की है कि दसवीं कक्षा में दो विषयों में फेल विद्यार्थियों को रिअपीयर माना जाए। इस संबंध में एसोसिएशन पदाधिकारियों ने शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन
जगवीर सिंह से मुलाकात कर यह मांग रखी। इस प्रतिनिधिमंडल में भाजपा अध्यापक प्रकोष्ठ के प्रदेशाध्यक्ष रामअवतार शर्मा, एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष कुलभूषण शर्मा, राज्य महासचिव बलदेव सैनी, भिवानी अध्यक्ष आकाश रहेजा सहित राकेश कुमार, रमेश कुमार आदि थे। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। उन्होंने चेयरमैन को ज्ञापन सौंपकर मांग की कि शिक्षा बोर्ड इस पर गौर करे ताकि प्रदेश के लाखों बच्चों का साल बर्बाद होने से बच सके।
सरकार के अधीन है मामला: चेयरमैन ने कहा कि यह अधिकार क्षेत्र सरकार का है। उन्होंने कहा कि वे एसोसिएशन की मांग को सिफारिश के साथ सरकार के पास भिजवा देंगे। राज्य महासचिव बलदेव सैनी ने कहा कि सरकार को इस पर गंभीरता से विचार-विमर्श करना चाहिए अन्यथा लाखों बच्चों को साल बर्बाद हो जाएगा।
दो विषयों में कंपार्टमेंट पर फेल करना गलत: हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की ओर से घोषित दसवीं कक्षा के परीक्षा परिणाम की खामियों को लेकर प्राइवेट स्कूल संचालकों ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। उपायुक्त डॉ. यश गर्ग को सौंपे ज्ञापन में प्राइवेट स्कूल वेलफेयर एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने दो विषयों में फेल होने पर कंपार्टमेंट नहीं देने पर आपत्ति जताई है। इन शिक्षकों का कहना था सत्र के प्रारंभ में ऐसा कोई नियम नही था कि दो विषयों में कंपार्टमेंट वाले विद्यार्थी फेल होंगे।
इस बार दो विषयों में फेल होने वाले विद्यार्थियों को कंपार्टमेंट देने की बजाय फेल कर दिया गया। फेल घोषित होने ऐसे बच्चे आगे दाखिला नहीं ले सकते जबकि पिछले साल दो विषय में फेल होने वाले बच्चों को कंपार्टमेंट घोषित किया जाता था जिससे वे 11वीं में दाखिला ले सकते थे। मेहनत करते 11वी पास भी कर लेते थे तथा अपना कंपार्टमेंट भी तोड़ लेते थे। उन्होंने कहा कि सीबीएसई में नॉन बोर्ड होने की वजह से सौ फीसद रिजल्ट रहा है। वहीं सीबीएसई में दो विषय में बच्चे फेल होने पर 11 वीं में दाखिला भी दिया जा रहा है।
यूपी बोर्ड में भी दो विषय में फेल होने पर कंपार्टमेंट का प्रावधान है। राजस्थान बोर्ड में भी छात्रों को सीसीई यानि सतत मूल्यांकन अंक को प्राप्तांक में जोड़कर पास करने का प्रावधान है। एसोसिएशन के प्रधान डॉ. सूर्यकमल यादव ने कहा कि एसोसिएशन द्वारा फिर से पुराने नियम के आधार पर परिणाम देने की मांग की है ताकि बच्चों के भविष्य खराब होने बचा सा सके। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा देने वाली सरकार इस तरह के निर्णय लेकर बेटियों को आगे पढ़ाई करने से वंचित कर रही है।
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साभार: भास्कर समाचार
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