पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव में हिंसा, बूथ कैप्चरिंग अथवा अन्य किसी कारण से अगर सरकारी कर्मचारी की मृत्यु होती है तो उसके आश्रितों को सरकार एकमुश्त सहायता राशि देने पर विचार कर रही है। इस फैसले पर
मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में गुरुवार को होने वाली कैबिनेट मीटिंग में इस फैसले पर मुहर लगने की संभावना है। हालांकि अभी ऐसे मामलों में राज्य चुनाव आयोग केवल सरकार को सेवा नियमों के अनुरूप लाभ दिए जाने की सिफारिश ही करता है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। लेकिन राज्य में फिलहाल ऐसे मामलों में एकमुश्त सहायता राशि दिए जाने का कोई प्रावधान नहीं है। जबकि राजस्थान, छत्तीसगढ़ समेत कुछ राज्यों ने इस तरह का प्रावधान किया हुआ है। छत्तीसगढ़ में तो एरेस मामलों में 10 लाख रुपए की बीमा राशि के अलावा एक आश्रित को अनुकंपा नौकरी दिए जाने की व्यवस्था है। इसके लिए फिलहाल पंचायत एवं विकास विभाग ने पहल की है। लेकिन इस फैसले को बाद में नगरीय निकायों समेत विधानसभा और लोकसभा चुनाव के लिए भी लागू किया जा सकता है। हालांकि हरियाणा में चुनाव ड्यूटी पर मरने वाले सरकारी कर्मचारियों की संख्या कोई ज्यादा नहीं है।
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साभार: भास्कर समाचार
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