साभार: जागरण समाचार
दुनिया के सबसे ताकतवर देश अमेरिका की संवेदनशील खुफिया जानकारियों को विश्व के सामने लाकर तहलका मचाने वाले विकीलीक्स के सह संस्थापक जूलियन असांजे को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
असांजे पिछले सात साल से लंदन स्थित एक्वाडोर दूतावास में रह रहे थे। एक्वाडोर ने उन्हें प्रदान की गई राजनयिक शरण वापस ले ली, जिसके बाद वहां के राजदूत ने पुलिस को बुलाकर असांजे को गिरफ्तार करा दिया।
क्यों हुई गिरफ्तारी: मूलरूप से ऑस्ट्रेलियाई नागरिक असांजे पर स्वीडन में यौन हमले का आरोप लगा था। इस मामले में लंदन स्थित वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की अदालत ने 29 जून, 2012 को गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। कोर्ट ने उन्हें सरेंडर करने को कहा था, लेकिन असांजे ने गिरफ्तारी से बचने के लिए एक्वाडोर के दूतावास में शरण ले ली थी। हालांकि, बाद में स्वीडेन में उनके खिलाफ रेप मामले को बंद कर दिया गया था। स्कॉटलैंड यार्ड पुलिस ने 47 वर्षीय असांजे को ब्रिटेन में जमानत की शर्तो का उल्लंघन करने का आरोप लगाया और उसी के आधार पर उनकी गिरफ्तारी हुई है। असांजे को सेंट्रल लंदन के पुलिस स्टेशन में रखा है। वहां पुलिस ने अमेरिकी प्रत्यर्पण वारंट के तहत दूसरी बार पकड़ा। अब उनके खिलाफ लंदन की अदालत में जमानत की शर्तो के उल्लंघन के साथ ही अमेरिकी प्रत्यर्पण वारंट पर भी सुनवाई होगी।
मौत की सजा वाले देश में प्रत्यर्पण नहीं: एक्वाडोर के राष्ट्रपति लेनिन मोरीनो ने सोशल मीडिया पर जारी एक वीडियो संदेश में कहा है कि उन्होंने ब्रिटेन से यह गारंटी ली है कि असांजे का प्रत्यर्पण उस देश में नहीं किया जाएगा, जहां मौत की सजा का प्रावधान हो या उन्हें यातना दी सकती हो। उन्होंने कहा कि ब्रिटेन की सरकार ने उन्हें लिखित में ऐसा नहीं करना का भरोसा दिलाया है। मोरीनो ने असांजे पर राजनयिक शरण की शर्तो का बार-बार उल्लंघन करने का आरोप भी लगाया।
एक्वाडोर ने नागरिकता निलंबित की: दक्षिण अमेरिकी देश एक्वाडोर ने असांजे को अपने देश की नागरिकता भी प्रदान की थी। एक्वाडोर के विदेश मंत्री ने गुरुवार को कहा कि असांजे की नागरिकता को निलंबित कर दिया गया है।
- जमानत की शर्तो के उल्लंघन के आरोप में हुई गिरफ्तारी
- पिछले सात वर्षो से लंदन स्थित एक्वाडोर दूतावास में रह रहे थे असांजे
आगे क्या हो सकता है: खुफिया जानकारियां सार्वजनिक करने के मामले में अमेरिका को असांजे की तलाश है। चूकि असांजे की गिरफ्तारी अमेरिकी प्रत्यर्पण वारंट के तहत भी हुई है, इसलिए उनके समर्थकों द्वारा आशंका जताई जा रही है कि अंत में असांजे को अमेरिका प्रत्यर्पित किया जा सकता है। एक्वाडोर दूतावास में शरण लेते वक्त असांजे ने भी यही आशंका जताई थी। तब उन्होंने कहा था कि अमेरिका में उन्हें मौत की सजा या यातना दी जा सकती है।