साभार: जागरण समाचार
विश्वविद्यालय और कालेजों में पढ़ाने वाले शिक्षकों के लिए भी अब प्रशिक्षण जरूरी होगा। सरकार ने इसे लेकर एक खास योजना बनाई है। इसके तहत शिक्षकों को नियुक्ति के तुरंत बाद एक खास तरह का प्रशिक्षण
(इंडक्शन) दिया जाएगा। इसके बाद भी उन्हें एक निश्चित अंतराल में ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रमों में शामिल होना जरूरी होगा। सरकार की इस पूरी पहल को उच्च शिक्षा की गुणवत्ता को मजबूत और विश्वस्तरीय बनाने से जोड़कर देखा जा रहा है। मौजूदा समय में देश में करीब 900 विश्वविद्यालय और 40 हजार से ज्यादा कालेज मौजूद हैं।
शिक्षकों के प्रशिक्षण की फिलहाल ऐसी अनिवार्यता अब तक सिर्फ स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों के लिए ही है। इससे वंचित रह गए करीब 14 लाख शिक्षकों को सरकार ने हाल ही में एक विशेष कार्यक्रम के जरिए प्रशिक्षण दिया है। सरकार का मानना है कि ज्ञान और गुणवत्ता में सुधार के लिए शिक्षकों को प्रशिक्षण देना जरूरी है। वैसे भी उच्च शिक्षण संस्थानों को विश्वस्तरीय बनाने को लेकर जैसी रुचि दिखाई जा रही है, उनमें शिक्षकों का प्रशिक्षण काफी अहम है। हालांकि इसे लेकर कुछ पहल शुरू की गई है, पर अनिवार्य न होने से शिक्षकों की इनमें दिलचस्पी नहीं है और कम शिक्षक ही हिस्सा लेते हैं। यह स्थिति तब है, जब दुनिया के विश्वस्तरीय संस्थानों में शिक्षकों को समय-समय पर प्रशिक्षण देने की मजबूत व्यवस्था है।
उच्च शिक्षा की नामांकन दर बढ़ाना लक्ष्य: उच्च शिक्षा की गुणवत्ता को मजबूती देने के लिए सरकार ने यह कदम ऐसे समय उठाया है, जब देश में मौजूदा समय में उच्च शिक्षा की नामांकन दर ( ग्रास इनरोलमेंट रेशियो) करीब 26 फीसद है। वहीं अमेरिका, आस्ट्रेलिया सहित दुनिया के विकसित देशों में यह दर 60 फीसद या उससे अधिक है। हालांकि सरकार ने इसे बढ़ाने के लिए कमर कस ली है। इसके तहत अगले दो सालों में देश की उच्च शिक्षा की नामांकन दर (ग्रास इनरोलमेंट रेशियो) को 40 फीसद तक ले जाने का लक्ष्य रखा है। कांग्रेस पार्टी ने भी 2019 के अपने चुनावी घोषणा पत्र में इस मुद्दे को प्रमुखता से शामिल किया है।
रिकार्ड समय में 14 लाख शिक्षकों के प्रशिक्षण से बढ़ा उत्साह: उच्च शिक्षण संस्थानों में पढ़ाने वाले शिक्षकों के प्रशिक्षण को लेकर सरकार इसलिए भी उत्साहित है, क्योंकि हाल ही में उसने स्कूली शिक्षकों के प्रशिक्षण का एक बड़ा लक्ष्य हासिल किया है। इसके तहत रिकार्ड 18 महीने के समय में देश भर के करीब 14 लाख शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया गया है। आरटीई के तहत यह लक्ष्य 2015 में ही हासिल हो जाना था जो अब पूरा हुआ है।