Tuesday, April 2, 2019

कांग्रेस का चुनावी घोषणापत्र: जानिए क्या करेगी कांग्रेस अगर सरकार बनती है तो

साभार: जागरण समाचार 
केंद्र हो या राज्य, सरकार बदलने के साथ योजनाओं की शक्लों-सूरत भी बदल जाती है। सरकार बदलते ही पुरानी सरकार की बहुत सी योजनाएं बंद कर दी जाती हैं या नई सरकार उन योजनाओं को नए क्लेवर में पेश
कर अपनी पीठ थपथपा लेती है। कांग्रेस द्वारा मंगलवार को जारी किया गया चुनावी घोषणा पत्र भी इसी तरफ इशारा करता है। कांग्रेस ने घोषणा पत्र में पहले ही मौजूदा सरकार की कई योजनाओं को बदलने के संकेत दे दिए हैं।
नीति आयोग की जगह योजना आयोग: कांग्रेस अपनी लगभग सभी चुनावी रैलियों में इसकी घोषणा करती रही है। चुनावी घोषणा पत्र में भी पार्टी ने कहा है कि वह मौजूदा नीति आयोग को निरस्त करेगी, जो पूरी तरह से अक्षम और नाकाम साबित हुआ है। इसकी जगह मध्यम और दीर्घकालिक योजनाओं को तैयार करने के लिए एक स्वतंत्र विशेषज्ञ निकाय के रूप में योजना आयोग का गठन किया जाएगा। कांग्रेस का वायदा है कि नया योजना आयोग, प्रसिद्ध अर्थशास्त्रीयों और वित्तीय विशेषज्ञों का एक छोटा संगठन होगा, जिसकी सहायता के लिए उच्च गुणवत्ता वाले विद्वानों और सहायकों की टीम होगी, जिनकी संख्या अधिकतम 100 होगी।
नागरिकता संशोधन विधेयक: पूर्वोत्तर राज्यों के लोगों की इच्छा के खिलाफ भाजपा सरकार द्वारा पेश किए गए नागरिकता संशोधन विधेयक (Citizenship Amendment Bill) को तुरंत वापस करेंगे। मालूम हो कि नागरिकता संशोधन विधेयक को लेकर भाजपा को पूर्वोत्तर में काफी विरोध का सामाना करना पड़ा है। भाजपा देश की सुरक्षा के लिए विधेयक को आवश्यक कदम बता रही।
बहाल होगा 200 प्वाइंट रोस्टर: कांग्रेस ने वादा किया है कि अगर वह सत्ता में लौटी तो मौजूदा सरकार द्वारा लागू किए गए 13 प्वाइंट रोस्टर को बदलकर, फिर से 200-बिंदु रोस्टर प्रणाली को लागू कर दिया जाएगा। साथ ही निजी उच्च शिक्षण संस्थानों में भी एससी, एसटी और ओबीसी को आरक्षण देने के लिये कानून बनाएगी। 13 पॉइंट रोस्टर एक ऐसा सिस्टम है जिसमें 13 नियुक्तियों को क्रमबध तरीके से विभिन्न श्रेणियों में बांटा जाता है। इसमें “विश्वविद्यालय” को इकाई (यूनिट) न मानकर “विभाग” को इकाई माना जाता है। 200 पॉइंट रोस्टर 2007 में लागू हुआ था, जब उच्च शिक्षा में OBC आरक्षण लागू हुआ था। इस सिस्टम के तहत “पूरे विश्वविद्यालय” को एक यूनिट मानकर नियुक्तियों में आरक्षण दिया जाता है।
लोकपाल नियुक्ति अधिनियम के तहत: कांग्रेस ने कहा है कि उसकी सरकार बनने पर संवैधानिक तरीके से अधिनियम के अनुरूप लोकपाल की नियुक्ति की जाएगी। मालूम हो कि करीब 15 दिन पहले ही देश के पहले लोकपाल के रूप में जस्टिस पिनाकी चंद्र घोष को नियुक्त किया गया है। हालांकि उनकी नियुक्ति में विपक्ष के नेता शामिल नहीं थे। नियमानुसार लोकपाल चयन समिति के अध्यक्ष प्रधानमंत्री हैं। उनके अलावा समिति में लोकसभा स्पीकर, लोकसभा में विपक्ष के नेता, सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (CJI) या उनके द्वारा नामित शीर्ष न्यायालय के कोई न्यायाधीश और राष्ट्रपति द्वारा नामित किए जाने वाले एक प्रख्यात न्ययाविद या अन्य शामिल हैं।
राष्ट्रीय एकता परिषद का पुर्नगठन: कांग्रेस ने घोषणा की है कि उसकी सरकार बनने पर राष्ट्रीय एकता परिषद (एनआइसी) का पुर्नगठन किया जाएगा। इसका गठन वर्ष 1961 में साम्प्रदायिकता, जातिवाद, क्षेत्रवाद, भाषावाद और संकीर्णता की बुराइयों से निपटने के लिए किया गया था। एनआइसी की पहली बैठक वर्ष 1962 में हुई थी। एनआइसी ने वर्ष 1968 में हुई बैठक में विविधता में एकता, धर्मों की आजादी, धर्म निरपेक्षता, बराबरी, सामाजिक-आर्थिक एवं राजनीतिक न्याय और सभी समुदायों में भाइचारे को अपने उद्देश्य घोषित किए थे। कांग्रेस, मौजूद सरकार पर एनआइसी को निष्क्रिय करने का आरोप लगाती रही है।
धारा 370 को बदलने का प्रयास नहीं: केंद्र की भाजपा सरकार जम्मू-कश्मीर से धारा 370 और 35ए को खत्म करना चाहती है। इसके लेकर जम्मू-कश्मीर में भाजपा को काफी विरोध का सामना भी करना पड़ा। तमाम राजनीतिक पार्टियों ने भी भाजपा के इन प्रयासों का विरोध किया है। कांग्रेस ने घोषणा पत्र में दावा किया है कि उसकी सरकार बनी तो धारा 370 को बदले का कोई प्रयास नहीं किया जाएगा।
बहाल होगा वक्फ संपत्ति अधिनियम: वक्फ संपत्तियों (अनधिकृ त कब्जाधारियों की बेदखली) विधेयक, 2014 को फिर से पेश किया जायेगा और पारित किया जायेगा। वक्फ संपत्तियों पर कानूनी ट्रस्टियों का अधिकार बहाल किया जायेगा।
दिल्ली को लगभग पूर्ण राज्य का दर्जा: दिल्ली को लगभग पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाएगा। राज्यपाल की शक्तियां सिर्फ तीन आरक्षित विषयों तक सीमित की जाएगी। मालूम हो कि दिल्ली सरकार समेत दिल्ली के बहुत से संगठन कई बार इस मांग को उठा चुके हैं। दिल्ली सरकार ने मौजूदा केंद्र सरकार के समक्ष कई बार इसकी मांग उठाई, लेकिन हर बार इसे खारिज कर दिया गया।
आधार अधिनियम: आधार का प्रयोग केवल सब्सिडी और चुनिंदा सरकारी सेवाओं तक ही सीमित किया जाएगा। अभी आधार पहचान पत्र के साथ ही लगभग सभी जरूरी सेवाओं में अनिवार्य तौर पर प्रयोग होता है।
जीएसटी में संशोधन होगा: पेट्रोल-डीजल को भी जीएसटी के दायरे में लाने के साथ, जीएसटी फाइलिंग को आसान बना जाएगा। वर्तमान जीएसटी को बदलकर, जीएसटी 2.0 लागू करेंगे। इसमें सभी वस्तुओं और सेवाओं पर एक समान सीमित व आदर्श मापदंड के अनुसार टैक्स लगेगा। सिगरेट, बीड़ी, तंबाकू व शराब जैसे डीमैरिट गुड्स पर अलग से ज्यादा टैक्स लगेगा।
चुनावी बॉड रद्द कर, राष्ट्रीय चुनाव कोष: कांग्रेस ने कहा, हम सत्ताधारी दल के पक्ष में बनाये गये संदिग्ध और अपारदर्शी चुनावी (निर्वाचक) बॉड स्कीम को बन्द करेंगे। कांग्रेस पार्टी एक राष्ट्रीय चुनाव कोष स्थापित करने का वायदा करती है। इसमें कोई भी व्यक्ति योगदान कर सकता है, कानून द्वारा निर्धारित मापदंडों के अनुसार मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को चुनाव के समय धन आवंटित किया जायेगा।
मानहानि व देशद्रोह कानून: भारतीय अपराध संहिता (IPC) की धारा 499 को हटा कर मानहानि को एक दिवानी अपराध बनाएंगे। भारतीय दंड संहिता की धारा 124ए (जो की देशद्रोह के अपराध को परिभाषित करती है) को खत्म किया जायेगा। जेएनयू कन्हैया मामला हो या कश्मीर मुद्दा, कांग्रेस हमेशा मौजूद सरकार पर देशद्रोह कानून के गलत इस्तेमाल का आरोप लगाती रही है। कांग्रेस ने घोषणा की है कि उन कानूनों को संशोधित करेंगे, जो बिना सुनवाई व्यक्ति को गिरफ्तार कर, संविधान और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकारों का उल्लंघन करते हैं।