साभार: जागरण समाचार
माकपा ने निर्वाचन आयोग में शिकायत की है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश में सांप्रदायिक तनाव भड़का रहे हैं। माकपा ने प्रधानमंत्री पर चुनावी उद्देश्यों के लिए दूरदर्शन का इस्तेमाल करने का भी आरोप लगाया है। माकपा
पोलित ब्यूरो के सदस्य निलोत्पल बसु ने चीफ इलेक्शन कमिश्नर सुनील अरोड़ा को लिखे पत्र में भाजपा के खिलाफ उसके नेताओं द्वारा आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने को लेकर शिकायतें की हैं। शिकायतों की शुरुआत पिछले महीने प्रधानमंत्री मोदी द्वारा राष्ट्र के नाम किए गए उस संबोधन से हुई है, जिसमें उन्होंने लोगों को बताया था कि भारत ने पहली बार एंटी सेटेलाइट मिसाइल तकनीक का इस्तेमाल करते हुए एक लाइव सेटेलाइट को मार गिराया है।
निर्वाचन आयोग को लिखे पत्र में कहा गया है कि भाजपा के शीर्ष नेताओं द्वारा चुनाव प्रचार के दौरान आचार संहिता का गंभीर रूप से उल्लंघन किया जा रहा है। बसु ने पत्र में दूरदर्शन द्वारा ट्वीट करके लोगों से 'मैं भी चौकीदार' कार्यक्रम को देखने की अपील किए जाने का भी जिक्र किया है। बसु ने इसे आदर्श चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन बताया है।
माकपा नेता ने पत्र में भाजपा नेताओं द्वारा पाकिस्तान के बालाकोट में भारतीय वायुसेना की एयर स्ट्राइक का जिक्र किए जाने का भी मामला उठाया है। उन्होंने कहा है कि निर्वाचन आयोग की ओर से इस मसले पर सभी राजनीतिक दलों को एडवाइजरी जारी किए जाने के बावजूद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को गाजियाबाद में भारतीय सेना को 'मोदी जी की सेना' बता डाला।
शिकायत में पीएम मोदी के उस भाषण का भी जिक्र है जिसमें उन्होंने समझौता ब्लाट मामले में आए एनआइए अदालत के आदेश का उल्लेख किया था। बसु ने कहा कि वर्धा में एक अप्रैल को चुनाव रैली में मोदी ने एनआइए की विशेष अदालत के फैसले का जिक्र करते हुए एक सांप्रदायिक बयान दिया। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उक्त मामले के आरोपी की तुलना समूचे हिंदू समुदाय से की।
बता दें कि हाल ही में एनआईए कोर्ट ने 2007 में हुए समझौता ब्लाट मामले में स्वामी असीमानंद समेत तीन अन्य आरोपियों को बरी कर दिया था। बसु ने कहा है कि इन सभी मामलों में आदर्श चुनाव आचार संहिता का साफ साफ उल्लंघन हुआ है। चुनाव आयोग को इन मामलों का संज्ञान लेते हुए तुरंत प्रभावी कार्रवाई करनी चाहिए।
माकपा ने निर्वाचन आयोग में शिकायत की है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश में सांप्रदायिक तनाव भड़का रहे हैं। माकपा ने प्रधानमंत्री पर चुनावी उद्देश्यों के लिए दूरदर्शन का इस्तेमाल करने का भी आरोप लगाया है। माकपा
पोलित ब्यूरो के सदस्य निलोत्पल बसु ने चीफ इलेक्शन कमिश्नर सुनील अरोड़ा को लिखे पत्र में भाजपा के खिलाफ उसके नेताओं द्वारा आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने को लेकर शिकायतें की हैं। शिकायतों की शुरुआत पिछले महीने प्रधानमंत्री मोदी द्वारा राष्ट्र के नाम किए गए उस संबोधन से हुई है, जिसमें उन्होंने लोगों को बताया था कि भारत ने पहली बार एंटी सेटेलाइट मिसाइल तकनीक का इस्तेमाल करते हुए एक लाइव सेटेलाइट को मार गिराया है।
निर्वाचन आयोग को लिखे पत्र में कहा गया है कि भाजपा के शीर्ष नेताओं द्वारा चुनाव प्रचार के दौरान आचार संहिता का गंभीर रूप से उल्लंघन किया जा रहा है। बसु ने पत्र में दूरदर्शन द्वारा ट्वीट करके लोगों से 'मैं भी चौकीदार' कार्यक्रम को देखने की अपील किए जाने का भी जिक्र किया है। बसु ने इसे आदर्श चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन बताया है।
माकपा नेता ने पत्र में भाजपा नेताओं द्वारा पाकिस्तान के बालाकोट में भारतीय वायुसेना की एयर स्ट्राइक का जिक्र किए जाने का भी मामला उठाया है। उन्होंने कहा है कि निर्वाचन आयोग की ओर से इस मसले पर सभी राजनीतिक दलों को एडवाइजरी जारी किए जाने के बावजूद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को गाजियाबाद में भारतीय सेना को 'मोदी जी की सेना' बता डाला।
शिकायत में पीएम मोदी के उस भाषण का भी जिक्र है जिसमें उन्होंने समझौता ब्लाट मामले में आए एनआइए अदालत के आदेश का उल्लेख किया था। बसु ने कहा कि वर्धा में एक अप्रैल को चुनाव रैली में मोदी ने एनआइए की विशेष अदालत के फैसले का जिक्र करते हुए एक सांप्रदायिक बयान दिया। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उक्त मामले के आरोपी की तुलना समूचे हिंदू समुदाय से की।
बता दें कि हाल ही में एनआईए कोर्ट ने 2007 में हुए समझौता ब्लाट मामले में स्वामी असीमानंद समेत तीन अन्य आरोपियों को बरी कर दिया था। बसु ने कहा है कि इन सभी मामलों में आदर्श चुनाव आचार संहिता का साफ साफ उल्लंघन हुआ है। चुनाव आयोग को इन मामलों का संज्ञान लेते हुए तुरंत प्रभावी कार्रवाई करनी चाहिए।