साभार: जागरण समाचार
सुप्रीम कोर्ट ने सभी राजनीतिक दलों को आदेश दिया है कि वे चुनावी बांड के जरिये मिले चंदे का और दानकर्ता का पूरा ब्योरा सील बंद लिफाफे में चुनाव आयोग को दें। अभी तक मिले चंदे का पूरा ब्योरा तत्काल आयोग को
दिया जाना है। साथ ही कोर्ट ने कहा है कि राजनीतिक दल वित्त मंत्रलय द्वारा तय तारीख के मुताबिक चुनावी बांड से जो चंदा प्राप्त करने वाले हैं उसका भी ब्योरा 30 मई तक चुनाव आयोग को दें।
प्रधान न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई, दीपक गुप्ता और संजीव खन्ना की पीठ ने चुनावी बांड योजना पर रोक लगाने की मांग संबंधी गैरसरकारी संगठन ‘एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफार्म्स’ की याचिका पर अंतरिम आदेश दिया है।
सील बंद लिफाफे में देना है ब्योरा: कोर्ट ने अंतरिम आदेश में कहा है कि सभी दल चुनाव आयोग को सील बंद लिफाफे में चुनावी बांड के जरिये चंदा देने वाले प्रत्येक दानकर्ता और बांड की रकम का पूरा ब्योरा देंगे।
कोर्ट ने नहीं मानी केंद्र की दलील: कोर्ट ने केंद्र की यह दलील खारिज कर दी कि कोर्ट को इस समय इस योजना में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए और वह चुनाव के बाद इस बात का आकलन करे कि योजना ने सही काम किया है या नहीं।
क्या हैं चुनावी बांड: सरकार ने चुनावी बांड योजना दो जनवरी, 2018 को अधिसूचित की थी। इसके मुताबिक, कोई भी भारतीय नागरिक या भारत में स्थापित संस्था चुनावी बांड खरीद सकती है। यह बांड अकेले या कोई व्यक्ति संयुक्त रूप से खरीद सकता है। जनप्रतिनिधित्व कानून-1951 की धारा 29ए के तहत पंजीकृत राजनीतिक पार्टियां ही चुनावी बांड के जरिये पैसे ले सकती हैं।