साभार: जागरण समाचार
भाजपा ने बुधवार को रायबरेली, मैनपुरी, आजमगढ़, फीरोजाबाद और मछलीशहर के भी उम्मीदवार घोषित कर दिए। मछलीशहर सीट पिछली बार भाजपा के कब्जे में थी लेकिन, रायबरेली में कांग्रेस और बाकी सीटों पर सपा
का कब्जा था। भाजपा ने मछलीशहर के सांसद का टिकट काट दिया है। अब तक घोषित भाजपा के 66 उम्मीदवारों में 13 सांसदों का पत्ता साफ हो गया है।
भाजपा ने रायबरेली में कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ एमएलसी दिनेश प्रताप सिंह, मैनपुरी में सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के खिलाफ प्रेम सिंह शाक्य और आजमगढ़ में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के सामने दिनेश लाल यादव निरहुआ को उतारा है। कांग्रेस विधान परिषद दल के नेता रहे दिनेश प्रताप सिंह को भाजपा ने पिछले वर्ष तोड़ लिया था। दिनेश प्रताप के एक भाई राकेश सिंह हरचंदपुर से कांग्रेस के विधायक हैं, जबकि एक भाई जिला पंचायत के अध्यक्ष हैं। इस बार सोनिया को घेरने के लिए भाजपा ने कांग्रेस का ही हथियार इस्तेमाल किया है।
मुलायम सिंह के खिलाफ मैदान में उतरे प्रेम सिंह शाक्य उप चुनाव में भी किस्मत आजमा चुके हैं। आजमगढ़ में अखिलेश यादव के सामने भोजपुरी सुपर स्टार दिनेश लाल यादव निरहुआ को लाकर भाजपा ने युवाओं को रिझाने के लिए नया नुस्खा आजमाया है। निरहुआ गत दिनों भाजपा में शामिल हुए थे। निरहुआ अखिलेश के ही करीबी माने जाते थे और पिछली सपा सरकार में उन्हें यश भारती से सम्मानित किया गया था।
भाजपा में शामिल होते ही निरहुआ को वाई प्लस श्रेणी की सुरक्षा भी दे दी गई। इसके अलावा फीरोजाबाद में प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव और सपा सांसद अक्षय यादव के खिलाफ चंद्रसेन जादौन उम्मीदवार होंगे। चंद्रसेन भाजपा के पुराने कार्यकर्ता हैं और उन्हें टिकट देकर भाजपा ने अपने कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाया है।
मछलीशहर में 2014 में भाजपा के राम चरित निषाद को जीत मिली थी और उनके मुकाबले दूसरे स्थान पर बसपा के वीपी सरोज थे। इस बार भाजपा ने राम चरित निषाद का टिकट काट दिया और हाल ही में बसपा से भाजपा में शामिल हुए वीपी सरोज को मैदान में उतार दिया है। मैनपुरी और फीरोजाबाद में गुरुवार को नामांकन का आखिरी दिन है।
इन सांसदों के कटे टिकट: भाजपा मछलीशहर के सांसद रामचरित निषाद के अलावा अब तक कानपुर के सांसद डॉ. मुरली मनोहर जोशी, बलिया के सांसद भरत सिंह, कुशीनगर के राजेश पांडेय, बाराबंकी की प्रियंका रावत, रामपुर के नैपाल सिंह, इटावा के अशोक दोहरे, हाथरस के राजेश कुमार दिवाकर, संभल के सत्यपाल सैनी, शाहजहांपुर में केंद्रीय मंत्री कृष्णा राज, मिश्रिख में अंजू बाला, हरदोई में अंशुल वर्मा और फतेहपुर सीकरी के सांसद चौधरी बाबूलाल का टिकट काट चुकी है। बहराइच की सांसद सावित्री बाई फुले भाजपा छोड़कर पहले ही कांग्रेस से जबकि इलाहाबाद के सांसद श्यामाचरण गुप्ता बांदा से सपा का टिकट हासिल कर चुके हैं। देवरिया में पूर्व केंद्रीय मंत्री कलराज मिश्र और झांसी में केंद्रीय मंत्री उमा भारती खुद ही चुनाव न लड़ने का एलान कर चुकी हैं। अभी भी कई सांसदों के टिकट पर तलवार लटकी है।
12 सीटों पर तय नहीं हुए उम्मीदवार: भाजपा ने 66 उम्मीदवार घोषित कर दिए जबकि मीरजापुर और राबर्ट्सगंज सीट सहयोगी अपना दल (एस) के लिए छोड़ी है। अब कुल 12 क्षेत्रों के उम्मीदवार घोषित होने हैं। इनमें गोरखपुर, फूलपुर, झांसी, बांदा, घोसी, जौनपुर, लालगंज, प्रतापगढ़, संतकबीरनगर, देवरिया, भदोही और अंबेडकरनगर सीट पर उम्मीदवार घोषित नहीं हो पाये हैं।