Friday, April 12, 2019

हरियाणा में BJP ने उठाया बड़ा सियासी कदम, INLD के पूर्व साथी दल को किया अपने साथ

साभार: जागरण समाचार 
पंजाब, उत्तराखंड और दिल्ली के बाद अब हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी तथा शिरोमणि अकाली दल (बादल) मिलकर चुनाव लड़ेंगे। इनेलो से राजनीतिक रिश्ते खत्म होने के बाद यह पहला मौका है, जब अकाली
दल ने हरियाणा में भाजपा का बिना शर्त समर्थन करने का निर्णय लिया है।
हरियाणा में भाजपा ने उठाया बड़ा सियासी कदम, इनेलाे के पूर्व साथी दल को किया अपने साथहरियाणा में भाजपा और शिरोमणि अकाली दल चलेंगगे एक साथ: भाजपा राज्य की आठ लोकसभा सीटों पर अपने प्रत्याशी घोषित कर चुकी है। दो सीटों पर उम्मीदवार किसी भी समय घोषित हो सकते हैं। शिरोमणि अकाली दल (बादल) लोकसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवारों के लिए खुलकर काम करेगा, जबकि अगला विधानसभा चुनाव दोनों दल मिलकर लड़ेंगे। विधानसभा चुनाव में सीटों के बंटवारे पर अलग से बातचीत होगी।
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल, शिरोमणि अकाली दल (बादल) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष तथा राज्यसभा सदस्य बलविंद्र सिंह भूंदड, अकाली दल के प्रदेश अध्यक्ष शरणजीत सिंह सोंटा तथा एकमात्र विधायक बलकौर सिंह के साथ हुई बातचीत में दोनों दलों के बीच आपसी सहयोग की सहमति बनी है। भाजपा पंजाब में अकाली दल (बादल) की सहयोगी पार्टी है तथा वहां सत्ता में भागीदार भी रह चुकी है। पिछले चुनाव में भी दोनों दलों के बीच हरियाणा में गठबंधन की कोशिश हुई थी, मगर बात नहीं बन पाई थी।
इस बार भाजपा हाईकमान ने हरियाणा के वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु को पंजाब व चंडीगढ़ का प्रभारी बनाकर भेज रखा है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खुद पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री तथा अकाली दल के सरपरस्त प्रकाश सिंह बादल तथा पूर्व उप मुख्यमंत्री व शिरोमणि अकाली दल अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल के संपर्क में थे। रही सही कसर कैप्टन अभिमन्यु ने पूरी कर दी। सीएम मनोहरलाल और कैप्टन अभिमन्‍यु दोनों दलों के दिल मिलाने में कामयाब रहे। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह भी चाहते थे कि जब पंजाब, दिल्ली और उत्तराखंड में दोनों दलों के बीच अच्छी राजनीतिक समझदारी है तो इसे हरियाणा में भी अमल में लाया जाना चाहिए।
पिछले कई दिनों से चल रही दोनों दलो के बीच बातचीत को मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने शुक्रवार को अपने सिरसा दौरे के दौरान उजागर किया। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला, सीएम के मीडिया सलाहकार राजीव जैन और सिरसा की प्रत्याशी सुनीता दुग्गल भी इस मौके पर मौजूद रहे। अकाली दल नेताओं की मौजूदगी में मुख्यमंत्री ने इस लोकसभा चुनाव में अकाली दल का समर्थन मिलने की बात कही।
हरियाणा में दो दर्जन विधानसभा सीटें ऐसी हैं, जिन पर सिख मतदाता अच्छा खासा प्रभाव रखते हैं। सिख मतदाताओं की संख्या 13 लाख से अधिक है। राज्य में इतनी ही सीटें डेरा प्रेमियों के प्रभाव वाली हैं। सिखों के प्रभाव वाली लोकसभा सीटें अंबाला, कुरुक्षेत्र, करनाल और सिरसा हैं, जिन पर सिख मतदाता अपनी निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं।
डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम के जेल जाने के बाद भाजपा को इस वोट बैंक को साधने की चिंता सता रही थी। मुख्यमंत्री मनोहर लाल हालांकि डेरे की राजनीतिक विंग से संपर्क करने की बात कही थी, लेकिन जिस तरह से अचानक अकाली दल के साथ समझौते की बात सामने आई है, उससे भाजपा की चिंता काफी हद तक कम हो गई है।
पंजाब में 13 लोकसभा सीटें हैं। वहां शिअद 10 तथा भाजपा तीन लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ रही है, जबकि पिछला विधानसभा चुनाव भी मिलकर लड़ा गया था। पंजाब में विधानसभा की 117 सीटें हैं। भाजपा ने 23 और अकाली दल ने 94 विधानसभा सीटों पर मिलकर चुनाव लड़ा था। इस समय पंजाब में भाजपा के तीन तथा अकाली दल के 14 विधायक हैं। हरियाणा में कालांवाली विधानसभा सीट से एकमात्र अकाली दल विधायक बलकौर सिंह हैं, जो इनेलो के सहयोग से जीतकर आए थे, लेकिन इनेलो के दोफाड़ होने के बाद बलकौर सिंह के जननायक जनता पार्टी में जाने की चर्चाएं हुई। बादल के हस्तक्षेप के बाद बलकौर अपनी पार्टी में ही मौजूद हैं।
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला और पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री स. प्रकाश सिंह बादल के परिवारों के बीच मित्रता किसी से छिपी नहीं है। बादल पूर्व उप प्रधानमंत्री देेवीलाल के अभिन्न मित्रों में रहे। इस दोस्ती को बादल ने चौटाला के साथ भी निभाया।
आगे उनके परिवार के सदस्यों में भी इसी तरह की दोस्ती है, लेकिन एसवाईएल नहर निर्माण के मुद्दे पर इनेलो विधायक दल के नेता अभय सिंह चौटाला ने पंजाब में अकाली दल से अपने रिश्ते खत्म कर दिए थे। इससे पहले अकाली दल और इनेलो मिलकर एक दूसरे का राजनीतिक समर्थन करते रहे हैं। चौटाला परिवार की लड़ाई को सुलझाने के लिए बादल ने कई बार प्रयास किए मगर वे सिरे नहीं चढ़ पाए।
  • ''जिस तरह से पंजाब में हमारी पार्टी का भाजपा के साथ एलाइंस हैं, उसी तरह हम लोकसभा चुनाव में भाजपा का हरियाणा में समर्थन करेंगे। इसकी कोई शर्त नहीं है। अगला विधानसभा चुनाव हम मिलकर लड़ेंगे। बाकी बातें बाद में तय होंगी। - बलविंद्र सिंह भूंदड़, राज्यसभा सदस्य, प्रदेश प्रभारी एवं राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, शिअद।
  • ''अकाली दल और हमारा राजनीतिक मेलजोल कई राज्यों में है। अकाली दल के शीर्ष नेतृत्व ने लोकसभा चुनाव में हमारी पार्टी की मदद करने का निर्णय लिया है। हम अगला चुनाव भी मिलकर लड़ेंगे। इससे सामाजिक व राजनीतिक एकजुटता आएगी। कांग्रेस को हराने के लिए यह मेल कामयाब रहेगा। - मनोहर लाल, मुख्यमंत्री, हरियाणा।