Sunday, September 3, 2017

हीलिंग का सबसे अच्छा तरीका, खुद काे प्यार करना (You can heal yourself)

Louise Hay
साभार: भास्कर समाचार 

लुइस हे द्वारा लिखी किताब 'यू कैन हील योरसेल्फ' ऐसी महिला का संदेश है जो खुद पीड़ा को जीतकर उससे बाहर निकली है। लुइस हे मानती हैं कि खुद से प्यार करना और अपराध बोध को खत्म करना एक प्रक्रिया है। यह प्रक्रिया सिर्फ व्यक्ति को मानसिक रूप से मुक्त बनाती है, बल्कि शारीरिक रूप से भी स्वस्थ रखती है। दृढ़ बनना सबसे जरूरी है। इससे आप वह बन पाते हैं जो बनना चाहते हैं। किताब दृढ़ बनने के कई तरीके बताती है। यह कहती है कि मस्तिष्क और शरीर आपस में जुड़े होते हैं। इसलिए शरीर जब बीमार होता है तो भावनाएं और सोच भी उसके अनुसार प्रभावित होती हैं। दवाओं से शरीर की बीमारी को तो दूर किया जा सकता है, लेकिन मन के लिए भी कुछ उपाय करने की जरूरत होती हैै। अगर हम दिमाग को तैयार कर लें तो कुछ भी हासिल किया जा सकता है। 
हे कहती हैं एक और स्थिति बनती है जब बीमारी हमारे दिमाग की उपज होती है। कभी-कभी हम किसी घटना के लिए खुद को जिम्मेदार मानने लगते हैं और खुद को माफ नहीं कर पाते। जबकि हीलिंग के लिए जरूरत होती है, यह समझने की कि हमारी वर्तमान हालात का कारण क्या है। 
ऐसा बहुत कम होता है कि समस्या सही में कोई बड़ी समस्या है। कई बार हम अपने बारे में ही यह स्वीकार नहीं करते कि हम बहुत अच्छे हंै। जबकि सेल्फ हीलिंग का सबसे अच्छा तरीका है, स्वयं को प्यार करना। दृढ़ बनने का मतलब है, अपने बारे में सच को जानना और अपनी ताकत को जानना। फिर इस ताकत का इस्तेमाल करना। यानी इस ताकत का वो पाने में इस्तेमाल करना जो आप चाहते हैं। आपकाे हमेशा सकारात्मक सोच के साथ तैयार रहना होता है। साथ ही वर्तमान में ही रहना होता है। उदाहरण के तौर पर - आप कहें मैं पूरी तरह स्वस्थ हूं। या यह कहें कि काम करने के शानदार मौके मेरे सामने मौजूद हैं। दरअसल, जिस चीज पर हम ध्यान केंद्रित करते हैं वह बढ़ती जाती है, इसलिए अपने बिल पर कॉन्संट्रेट मत कीजिए। इस तरह तो आप इन्हें और बढ़ा ही देंगे। जिस पर आप ध्यान देते हैं, जिस बारे में सोचते हैं, वो बढ़ती जाती है। वे कहती हैं कि ब्रह्मांड के असीमित सोर्स के बारे में सोचिए। प्रकृति के बारे में सोचिए! 
िकताब कहती है कि अापकी आय ही आपकी समृद्धि का जरिया हो सकती है। इसका सोर्स समृद्धि का जरिया नहीं हो सकता। इसी तरह अपनी सुरक्षा आपका जॉब नहीं है। और ही आपका बैंक अकाउंट या निवेश या आपका जीवन साथी या आपके पेरेंट्स। आपकी सुरक्षा उस कॉस्मिक पावर से कनेक्ट करने में है, जिसने सभी चीजें बनाई हैं। अगर आप इस बात पर भरोसा करें कि आप अकेले नहीं हंै और इस तरह अपने मस्तिष्क को स्थिर करने की क्षमता विकसित कर लें तो फिर आपको कभी यह एहसास नहीं होगा कि आप अकेले हैं। इससे आपको ताकत मिलेगी। 
जब भी कोई हे से मिलने जाता तो वे उससे सबसे पहली बात यही कहतीं कि स्वयं को दोष देना और अपनी अालोचनाएं करना बंद करो। हम पूरा जीवन ही ऐसा करते हुए बिता देते हैं। लेकिन जीवन की असली शुुरुआत तब होती है जब हम स्वयं से प्यार करने लगते हैं। यही जीवन जीने और उसकी परेशानियों को कम करने का सबसे जरूरी तत्व है। 
1984 में प्रकाशित किताब यह बताती है कि सोच को सीमित कर लेने से समस्याएं पैदा होती हैं और इनसे निकलने का तरीका क्या है? कैसे विचार करने के तरीके बदले जा सकते हैं और जीवन को सुधार सकते हैं? किताब लिखने वाली लुइस हे का जीवन भी चुनौती भरा रहा। बचपन में उनका यौन शोषण हुआ। 16 की उम्र में वे मां बन गईं। आगे चलकर फैशन मॉडल बनीं। फिर शादी की। जीवन में बड़ा बदलाव आया तो चर्च काउंसलर बनीं। यहीं के अनुभवों के अाधार पर कई किताबें लिखीं। लुइस हे की वेबसाइट के अनुसार किताब कि अब तक 5 करोड़ कॉपी बिक चुकी हैं।